देहरादून: चार धाम यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस विभाग की ओर से फुलप्रूफ तैयारी की गई है। यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए इस बार पूरी यात्रा रूट पर एसडीआरएफ की 28 पोस्टें बनाई गई हैं। यदि किसी जगह पर कोई अप्रिय घटना होती है तो एसडीआरएफ को घटनास्थल पर पहुंचने में दो घंटे से अधिक समय नहीं लगेगा।

यात्रा की तैयारियों को लेकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने मंगलवार को पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार एसडीआरएफ के साथ 660 पुलिसकर्मियों को आपदा बचाव का प्रशिक्षण दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी एसडीआरएफ की पोस्टों के बीच-बीच में लगाई जाएगी, ताकि कोई घटना होने पर रेस्क्यू तुरंत शुरू किया जा सके। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में एसडीआरएफ की 39 पोस्ट हैं, इनमें से 28 पोस्ट केवल चार धाम यात्रा रूट पर ही लगाई गई हैं।

इसके अलावा यात्रा की शुरुआत में तीर्थयात्रियों की सुविधा को देखते हुए दो हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। वहीं छह कंपनी पीएसी भी तैनात रहेगी। 16 पोस्ट पर जल पुलिस की तैनाती भी की गई है और 57 टूरिस्ट पुलिस केंद्र बनाए गए हैं। टूरिस्ट पुलिस को कई भाषाओं की जानकारी दी गई है, ताकि यदि किसी भी राज्य से यात्री चार धाम के लिए आते हैं तो उन्हें भटकना न पड़े।

डीजीपी ने बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इस बार उत्तराखंड पुलिस के एप पर हर जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। एप के जरिये यात्री यात्रा का स्टेटस, मार्गों की जानकारी, मौसम व अन्य जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वह हेली सेवा की बुकिंग केवल अधिकारिक वेबसाइट से ही करें।

हरिद्वार से लेकर चार धामों में इस बार पुलिस ड्रोनों की सेवाएं लेगी। डीजीपी ने बताया कि हरिद्वार, श्रीनगर, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी सहित अन्य जगहों पर ड्रोन लगाए लगाए जाएंगे। पुलिस के पास पर्याप्त संख्या में ड्रोन उपलब्ध हैं। ऐसे में भीड़ का आकलन व अन्य जानकारी जुटाने के लिए इस बार अधिक से अधिक ड्रोन की सेवाएं ली जाएंगी।

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