Durga Nautiyal, Rishikesh

मीडिया मैनेजमेंट के भरोसे उत्तराखंड का विकास

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव तीर्थनगरी ऋषिकेश में विगत चार दशक से आयोजित किया जा रहा है। पहले यह आयोजन उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग आयोजित करता था। उत्तराखंड बनने के बाद उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने गढ़वाल मंडल विकास निगम के सहयोग से इस आयोजन को आगे बढ़ाया। इस योग महोत्सव ने अपनी नई पहचान भी बनाई।

आज एक बार फिर गंगा के तट पर उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम ने अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव- 2023 आयोजित किया है। मगर हैरानी की बात यह है कि इस आयोजन से गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को अलग-थलग रखा गया है। जबकि गढ़वाल मंडल विकास निगम के पास इस आयोजन का सबसे बड़ा अनुभव था। विगत कुछ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के बजट को ठिकाने लगाने के लिए सरकार और शासन की ओर से निजी हाथों में आयोजन का ठेका दिया जा रहा है। इस वर्ष भी मीडिया से जुड़ी सरकार की एक खास निजी संस्था को इसका जिम्मा सौंपा गया है। मीडिया से जुड़ी इन संस्थाओं को ठेका देने के पीछे क्या मकसद है, यह तो आयोजक ही जान सकते हैं। मगर, इतना तय है कि कमीशन देकर ठेका लेने वाली कंपनियां जमीनी हकीकत को कभी नहीं समझ सकती। यही वजह रही कि इस बार अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में उत्तराखंड के तमाम योग संस्थाओं और योगाचार्यों को दरकिनार कर दिया गया। इतना ही नहीं स्थानीय स्तर पर अच्छी खासी पहचान रखने वाले योग संस्थान, योगाचार्य, होटल संचालक, जनप्रतिनिधि तथा स्थानीय मीडिया को भी इस आयोजन की आयोजन में शामिल होने के लिए कोई निमंत्रण तक नहीं दिया गया।

यह आयोजन मुनिकीरेती में गढ़वाल मंडल विकास निगम के परिसर तथा समीप ही बने योग घाट पर आयोजित किया जा रहा है। आज भी पूरे आयोजन के कूड़ा कबाड़ को जीएमवीएन ही संभाल रहा है, सभी मेहमानों और अतिथियों की आवभगत भी कर रहा है। मगर, इससे बड़ी अफसोस की बात क्या हो सकती है कि गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक को भी इस आयोजन का निमंत्रण नहीं दिया गया।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री जब मंच पर पहुंचे तो पंडाल का हाल देख कर वह भी एक पल के लिए असहज हो गए थे। आधा पंडाल उद्घाटन सत्र के आखिर तक खाली ही था।
बहरहाल, योग महोत्सव में इस बार पहली बार ‘ड्रोन शो’ का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। मगर, यदि प्रचार प्रसार और सही जानकारी होती तो इस शो को देखने के लिए और भी अधिक संख्या में स्थानीय लोग पहुंच सकते थे।

फोकट की सलाह यह है कि इस तरह का ड्रोन शो इस क्षेत्र में नियमित रूप से आयोजित किया जाना चाहिए, इसके लिए पर्यटक को और दर्शकों से फीस भी ली जानी चाहिए। इससे पर्यटन भी बढ़ेगा और राजकोष में आमदनी भी आएगी। बस इसकी जिम्मेदारी ठेके पर न दें…। कुल मिलाकर योग महोत्सव के नाम पर बजट की बंदरबांट बंद हो…, ऐसे आयोजनों को ठेके पर देने के बजाय सरकारी संस्था गढ़वाल मंडल विकास निगम को जिम्मेदारी सौंपी जाए…, स्थानीय योग संस्थाओं, योगाचार्य, छात्रों और कलाकारों को भी इस महोत्सव में मंच मिले…। भगवान आयोजकों और नीति नियंताओं को सद्बुद्धि दे…!

Durga Nautiyal, Rishikesh

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