देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने आज 5 मार्च 2023 को लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गई कनिष्ठ सहायक की भर्ती परीक्षा में उठे सवालों पर राज्य सरकार को और लोक सेवा आयोग पर तीखा हमला बोला है।
दसोनी ने कहा कि जो सरकार एक भर्ती परीक्षा ठीक तरह से नहीं करा पा रही है उस सरकार को सत्ता पर काबिज रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

दसोनी ने कहा कि जब से पिछले 6 सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्तारूढ़ हुई है राज्य में अनेकों भर्ती परीक्षाएं लीक हुई और उनमें भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकार्यों की संलिप्तता पाई गई लेकिन अगर भूतकाल की सभी भर्ती परीक्षाओं में हुए गोलमाल और भ्रष्टाचार को छोड़ भी दिया जाए तो नए साल में ही यह चौथी भर्ती परीक्षा है जो सवालों के घेरे में है।

दसोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि कनिष्ठ सहायक के लिए आज हुई भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को चार सेट दिए गए थे जिनमे बहुत अधिक त्रुटियां देखी गई। प्रश्न पत्रों में और ओएमआर में क्रमांक संख्या एक होनी चाहिए पर वह भी अलग-अलग थी वही चारों सेट यानी कि A,B,C,D आपस में एक दूसरे के रेप्लिका थे ।
दसोनी ने बताया कि सभी सेट देखकर ऐसा लग रहा था की वह एक दूसरे की जेरॉक्स कॉपी हैं।

प्रश्नपत्र में 1 से 100 तक जितने भी सवाल पूछे गए थे उनका सीरियल नंबर तक नहीं बदला गया था। ऐसे में दसोनी ने आयोग से सवाल किया करते हुए कहा कि चार सेट बनाने की जेहमत ही आयोग ने क्यों उठाई? एक ही सेट सभी अभ्यर्थियों को परोस दिया जाना चाहिए था ।

दसोनी ने यह भी कहा कि युवाओं को सड़कों पर उतरने के लिए राज्य सरकार खुद मजबूर कर रही है ।युवा बार-बार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं परंतु राज्य सरकार एसआईटी द्वारा की गई जांच को काफी बता रही है। दसोनी ने कहा कि यदि पुलिस के ही आला अधिकारी इन भर्ती परीक्षाओं में संलिप्त हुए तो एसआईटी के जूनियर अधिकारी उनका क्या बिगाड़ लेंगे। दसोनी ने कहा की हो ना हो विधानसभा बैक डोर नियुक्तियों में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता ऐसा नहीं बचा है जिसका रिश्तेदार विधानसभा के अंदर नौकरी ना पाया हो उसी तरह से भर्ती परीक्षाओं में भी मुख्यमंत्री धामी को यह डर सता रहा है कि हाकम सिंह ,संजय धारीवाल और नितिन चौहान के बाद पता नहीं और कितने सफेदपोश इस पूरे सिंडिकेट में जुड़े होंगे? दसोनी ने कहा अब तो पानी सर से ऊपर जा चुका है ,उत्तराखंड की बहुत ज्यादा किरकिरी हो चुकी है युवा हताश और निराश है और उसे अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है, ऐसे में एक अदद परीक्षा तक पारदर्शिता से ना कराए जाने की नाकामी के लिए धामी सरकार को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए।

गरिमा मेहरा दसौनी

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