रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड में तीन-चार अगस्त की रात हुए भूस्खलन हादसे के बाद हरकत में आए प्रशासन ने वहां दैवीय आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील स्थानों पर अवैध रूप से बनाए गए 22 कच्चे-पक्के ढाबों को बुलडोजर चलाकर हटा दिया। वहीं, 30 से अधिक दुकान स्वामियों से भी तत्काल अपने प्रतिष्ठान हटाने को कहा गया है।

प्रशासन का कहना है कि दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में अवैध रूप से बनाई गई सभी दुकानों को सुरक्षा के मद्देनजर हटाया जाएगा।

उपजिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने शनिवार को गौरीकुंड में जो अवैध निर्माण ध्वस्त किए, उनमें तीन पक्के और 19 कच्चे ढाबे शामिल हैं। गौरीकुंड कस्बा दैवीय आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। यहां हाईवे भी काफी संकरा है, जिससे हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बावजूद इसके हाईवे के किनारे गौरीकुंड की ओर लगभग एक किमी हिस्से में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हुए हैं।

भूस्खलन हादसे के बाद प्रशासन ने इन निर्माणों को हटाने का निर्माण लिया। वहीं, जिन व्यक्तियों के ढाबे हटाए गए, उनका आरोप है कि प्रशासन ने बिना नोटिस के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की, जिससे ढाबों में रखा सामान भी नष्ट हो गया।

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