ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश पर्वतीय क्षेत्र में ड्रोन के जरिए दवा भेजने का सफल प्रयोग होने के बाद इसे कोटद्वार के लिए ब्लड व ब्लड कंपोनेंट लेकर भेजा गया था लेकिन करीब डेढ़ घंटे बाद भी ड्रोन कोटद्वार बेस हॉस्पिटल नही उतार पाया है।

बताया जा रहा है कि कोटद्वार आते हुए रास्ते में कोहरा होने के कारण ड्रोन को रास्ते में उतारना पड़ा। बेस चिकित्सालय से टेक्निकल टीम को मौके की तरफ भेजा गया है। टीम द्वारा कोटद्वार की कलालघाटी पर पेड़ से ड्रोन को उतारा गया। इस दौरान ड्रोन क्षतिग्रस्त हो गया।

बता दें एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने सोमवार को दोपहर 12:45 बजे ड्रोन को एम्स परिसर से कोटद्वार के लिए रवाना किया था। ड्रोन में दो किलो वजन का ब्लड कंपोनेंट भेजा गया।

एम्स ऋषिकेश की ओर से सर्वप्रथम टिहरी के बोराड़ी में ड्रोन के जरिए कम समय के भीतर दवा पहुंचाने का प्रयोग किया गया था, जो सफल रहा। अगले चरण में यमकेश्वर क्षेत्र में ड्रोन से दवा भेजने का काम किया गया।

एम्स ऋषिकेश, कोटद्वार के लिए दवा नहीं बल्कि ब्लड और ब्लड कंपोनेंट भेज रहा है। जनसंपर्क अधिकारी श्री हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि सोमवार को एम्स संस्थान की ओर से ड्रोन के माध्यम से बेस हास्पिटल कोटद्वार के लिए ब्लड और ब्लड कंपोनेंट भेजा गया। इसमें दो किलो वजन का ब्लड कंपोनेंट है।

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