कोटद्वार :उत्तराखंड में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। पौड़ी जिले में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।  बादल फटने के कारण आमसौड़ गांव के पास मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे 534 का बड़ा हिस्सा खो नदी में समा गया। इसके अलावा कई जगहों पर लैंडस्लाइड के कारण हाईवे अवरुद्ध हो रखा है, जिसे खोलने में अभी काफी समय लगेगा।

उत्तराखंड में बीते दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है। इसकी वजह से पहाड़ से लेकर मैदान तक कोहराम मचा हुआ है। पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद जहां लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ गया है, तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में नदियों का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। भारी बारिश को देखते हुए पुलिस-प्रशासन भी पहले ही से अलर्ट मोड पर है।

भारी बारिश के कारण मेरठ पौड़ी नेशनल हाईवे 534 भी जगह बंद हो रखा है। एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अधिकारियों ने बताया कि मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे 534 कोटद्वार से दुगड्डा के बीच तीन जगहों पर बाधित हो रखा है। इसके अलावा कोटद्वार दुगड्डा के बीच ही आमसौड़ गांव के पास बादल फटने हाईवे के बड़ा हिस्सा खो नदी में समा गया।

नेशनल हाईवे बाधित होने पर मार्ग पर लंबा जमा लगा हुआ है. कोटद्वार से दुगड्डा यात्रा करने लोगों को पुलिस कोटद्वार सिद्धबली बैरियर पर रोक रही है। उससे आगे किसी को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अपर अभियंता धुमाकोट अरविंद जोशी ने बताया कि मार्ग 9 बजे से बाधित हो रखा है। कोटद्वार में सिद्धबली इलाके में लालपुल के पास पहाड़ी से हाईवे पर गिरे मलबे को जेसीबी मदद से हटाया जा रहा है, लेकिन भारी बारिश होने के कारण मलबे के हटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आमसौड़ गांव के समीप बादल फटने से सड़क बह गयी है, जिसकी जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।

बता दें नेशनल हाईवे 534 मेरठ पौड़ी गढ़वाल मंडल का मुख्य मार्ग है. इस मार्ग के बांधित होने से कोटद्वार, गुमखाल, पौड़ी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग और चमोली का संपर्क टूट गया है। जनपद का यह महत्वपूर्ण मार्ग होने के चलते पौड़ी जिला मुख्यालय सहित 15 विकास खंड सहित लैंसडॉउन सेना छावनी का सम्पर्क बाधित हो गया है। इस मार्ग के जरिए ही नजीबाबाद मंडी से खाद्य सामग्री पौड़ी जिला मुख्यालय समेत आसपास की तहसीलों में पहुंचती है।

ये मार्ग से जरिए पौड़ी सीधे हरिद्वार और यूपी के अन्य जिलों से जुड़ा हुआ था, लेकिन इस मार्ग के बांधित होने के बाद अब पौड़ी से हरिद्वार जाने के लिए लोगों की देवप्रयाग होते हुए हरिद्वार या फिर अन्य जिलों में जाना होगा, इससे समय और पैसा दोनों बर्बाद होगा।

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