कोटद्वार : उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) ने प्रदेश सरकार पर मूल निवास व सशक्त भू-कानून लागू न किए जाने पर आक्रोश जताते हुए प्रदेश सरकार पर उत्तराखंड राज्य की मूल अवधारणा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

उक्रांद जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्र बड़थ्वाल के नेतृत्व में उक्रांद कार्यकर्त्ता तहसील परिसर में धरने पर बैठे और प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी करने लगे। दल के जिला प्रभारी महेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य बनने के बाद राज्य की परिसंपत्तियों पर बाहरी प्रदेशों के लोगों का कब्जा हो गया है।

राज्य गठन के बाद प्रदेश में बनी सरकारों ने अपना कोई भू-कानून नहीं बनाया, जबकि उत्तराखंड क्रांति दल हिमाचल की तर्ज पर प्रदेश में भी सशक्त भू-कानून लागू करवाने की मांग करता आ रहा है।

प्रदेश में सत्तासीन सरकारों ने अपने हितों को देखते हुए भू-कानून को लागू नहीं किया, जिसका खामियाजा प्रदेशवासियों को भुगतना पड़ रहा है। कहा कि मूल निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता हटाना भी प्रदेश सरकारों की बड़ी भूल साबित हुई है।

प्रदेश में सत्तासीन सरकारों ने अपनी सुविधा के लिए मूल निवास की बजाय स्थाई निवास प्रमाण पत्र जारी करवा दिया, जिससे उत्तराखंड के मूल निवासियों को सरकारी नौकरियों से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने मूल निवास की कट आफ डेट 1950 किए जाने की मांग की है। इस मौके पर गुलाब सिंह रावत, मनमोहन सिंह नेगी, पुष्कर सिंह रावत, हयात गुंसाई, राजकुमार माहेश्वरी, रेवत सिंह, दुर्गा काला, भगवती प्रसाद कंडवाल मौजूद रहे।

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