देहरादून: ट्रांसपोर्टरों की दो दिन से चली आ रही हड़ताल से उत्तराखंड के लोग और यहां आए पर्यटक बहुत परेशान थे। देशभर में नए कानून को लेकर ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल देर रात खत्म हो गई। दिल्ली में हुई गृह मंत्रालय में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। उत्तराखंड में जितने भी पर्यटक फंसे हुए थे, आज से वह सुचारू रूप से अपने-अपने घर की तरफ जा सकेंगे। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर उन पर्यटकों पर पड़ रहा था, जो नए साल का जश्न मनाने के लिए उत्तराखंड में पहुंचे हुए थे।

उत्तराखंड के नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल और तमाम जगहों पर हजारों की तादाद में पर्यटक फंसे हुए थे। जिसको लेकर लगातार राज्य सरकार भी चिंतित थी। दिल्ली में देर रात हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि ट्रांसपोर्टरों की बातों पर केंद्र सरकार एक बार फिर से विचार करेगी। हिट एंड रन के नए कानून को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ था। उत्तराखंड में इसका कुछ ऐसा असर था कि ऑटो रिक्शा और रोडवेज के साथ-साथ तमाम ट्रक यूनियनों ने इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया हुआ था। सड़कों पर दो दिन से किसी तरह का कोई भी वाहन न चलने की वजह से स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

ट्रक यूनियन देहरादून के अध्यक्ष आदेश सैनी ने बताया कि देर रात दिल्ली से जो हमें संदेश प्राप्त हुआ है, उसके बाद हमने अपनी हड़ताल को वापस ले लिया है। अब 11:00 बजे के बाद तमाम लोगों को इकट्ठा करके उन्हें समझाया जाएगा। हम यही कोशिश कर रहे हैं कि सभी ड्राइवर अब अपने-अपने काम पर आ जाएं। आदेश सैनी कहते हैं कि अगर केंद्र सरकार ने इस कानून में संशोधन नहीं किया, तो इस तरह की हड़ताल दोबारा करने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।

ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल हालांकि खत्म हो गई है, लेकिन पिछले दो दिन की स्ट्राइक के कारण काशीपुर के पेट्रोल पंपों पर डीजल, पेट्रोल की किल्लत हो गई। काशीपुर में दोपहिया और चौपहिया वाहन स्वामियों की भारी भीड़ विभिन्न पेट्रोल पंपों पर देर रात तक देखी गई। हड़ताल के कारण डीजल और पेट्रोल के टैंकर रास्ते में जहां-तहां रुके हुए थे। ट्रक, बस तथा डंपर चालकों की हड़ताल के चलते पेट्रोल और डीजल के टैंकर अपने गंतव्य स्थानों तक नहीं पहुंच पा रहे थे। काशीपुर में बीते रोज सुबह से लेकर देर रात तक पेट्रोल पंपों पर दोपहिया तथा चौपहिया वाहनों की पेट्रोल और डीजल भरवाने को लेकर लंबी कतारें लगी रहीं। वहीं कई वाहन चालक तो खाली बोतल और केनों के साथ पेट्रोल और और डीजल लेने के लिए घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे। हालत ये थी कि शाम होते-होते कई पेट्रोल पंप पर “पेट्रोल नहीं है” के बोर्ड लगा दिए गए।

उधमसिंह नगर जिले में आवश्यक सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने जनपद के अधिकारियों संग बैठक की। इस दौरान जिलाधिकारी ने जनपद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक सेवाओं की चेन बाधित न हो, इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हड़ताल करने वाले वाहन चालकों को समझायें कि अभी विधेयक लागू नहीं हुआ है। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों, पुलिस क्षेत्राधिकारियों एवं सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने अपने क्षेत्रों में भ्रमण करते रहें। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति के द्वारा आवश्यक सेवाओं से सम्बंधित वाहन को रोकने का प्रयास भी किया गया, तो सम्बन्धित व्यक्ति के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि गन्ना को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत माना गया है। खाद्य पदार्थ, मेडिकल ऑक्सीजन, डीजल, पेट्रोल, गैस, दूध आदि आवश्यक सेवाओं से सम्बंधित वाहनों को न रोका जाए।

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