देहरादून : सोनीपत का शातिर शुभम पत्नी पर जानलेवा हमला करने से करीब चार माह पहले अपने पिता की भी हत्या कर चुका था। यह राज पत्नी को पता चला तो उसे भी शुभम ने रास्ते से हटाने के लिए गोली मार दी। मरा जानकर उसे पुल के नीचे फेंक दिया। इस दौरान उसने पुलिस से बचने के लिए कई पैंतरे भी अपनाए। फर्जी नंबर प्लेट वाली गाड़ी चलाई। स्कूटर का इस्तेमाल किया। यही नहीं कई होटल और होमस्टे भी उसने बदले। पुलिस ने जब उसे पकड़ने की योजना बनाई तो शनिवार को उसने पुलिस पर गोली चला दी।

मुठभेड़ के बाद पकड़ने जाने पर उसने पुलिस को सितंबर से अब तक का सारा घटनाक्रम बताया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि शुभम के ऊपर 40-50 लाख रुपये का कर्ज चढ़ गया था। इसे चुकाने के लिए वह पिता से पैसे मांग रहा था। मगर उसके पिता प्रभुदयाल ने साफ इन्कार कर दिया। शुभम के पिता के नाम पर एक संपत्ति सोनीपत की मुख्य रोड पर थी। उसने योजना बनाई कि इस संपत्ति को बेचकर ही वह कर्ज उतार सकता है। लेकिन, जब तक पिता जीवित हैं तब तक यह संपत्ति वह बेच नहीं सकता। इसलिए उसने अपने पिता को ही रास्ते से हटाने की ठान ली। सितंबर 2023 में वह अपने पिता को अपने साथ कहीं ले गया।

इसके बाद बाद उसने पिता को गोली मारी और मुजफ्फरनगर के पास जंगल में शव छिपा दिया। शाम के वक्त वह घर पर आ गया। इस बात का किसी को पता नहीं था कि पिता प्रभुदयाल उसके साथ ही गए हैं। ऐसे में उसने ढोंग रच दिया कि पिता गायब हो गए हैं। अगले दिन उसने पिता की गुमशुदगी दर्ज करा दी। इसके बाद वह पत्नी तानिया को लेकर छिद्दरवाला क्षेत्र में आकर रहने लगा। दो महीने पहले तानिया ने अपनी बहन से बात की थी। इस बात का पता सोनीपत पुलिस को लगा तो उन्होंने हरिद्वार में तानिया के मायके पर नजर घुमाई। इसकी भनक जब शुभम को लगी तो वह तानिया को लेकर मुनिकीरेती स्थित होटल आराधना में आकर रहने लगा।

यहां उसने 27 दिसंबर को कमरा एक महीने के लिए लिया। इस बीच तानिया को पता चल गया कि शुभम ने पिता प्रभुदयाल की हत्या कर दी है। तानिया घबराई और उसने यह बात शुभम को बताई। तो शुभम ने राजदार तानिया को भी रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। वह 13 जनवरी की शाम तानिया को अपने स्कूटर से लेकर एयरपोर्ट तक आया। यहां उसने पहले से ही अपनी कार पार्क की हुई थी। वह कार से बड़ासी तक आया और यहां तानिया के सिर में गोली मारकर उसे पुल के नीचे फेंक दिया। इसके बाद वह फिर से होटल आराधना में आ गया। यहां से अगले दिन वह सामान लेकर मसूरी चला गया।

आरोपी ने पुलिस को चकमा देने के लिए कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई थी। दरअसल, जिस जगह तानिया घायल हालत में मिली वहां के रास्ते पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक किए। पता चला कि यहां पर एक दिल्ली नंबर की कार आई और फिर थोड़ी देर बाद वापस आई। पुलिस ने नंबर से पता किया तो उसका संबंध शुभम से नहीं मिला। लेकिन, कार शुभम की थी इसकी तस्दीक तानिया की बहन काव्या ने कर दी। इस पर उसका असली नंबर गुड़गांव हरियाणा का पाया गया। उसने ओएलएक्स पर देखकर अपनी कार से मिलती जुलती कार का नंबर बनवाया था।
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पत्नी को नहीं पता था जौलीग्रांट पर खड़ी है कार
शुभम अपनी पत्नी के साथ छिद्दरवाला में रह रहा था। तब उसके पास स्कूटर ही था। जब वह मुनिकीरेती गया वहां भी उसके पास स्कूटर ही था। होटल में आना जाना भी वह स्कूटर से ही करता था। पत्नी को भी इस बात का नहीं पता चला कि उसने कार को जौलीग्रांट पार्किंग में खड़ा किया है। पुलिस जब इस कार तक पहुंची तो उसमे कारतूस के खोखे बरामद हुए। पुलिस ने सभी खोखों को एफएसएल जांच के लिए भेज दिया है।

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