देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी हो गई है। राज्य सरकार 5 फरवरी को देहरादून विधानसभा में सत्र आयोजित करेगी। सत्र की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे से शुरू होगी। इसको लेकर विधानसभा सचिवालय में उपसचिव लेखा के पद पर नियुक्त हेमचंद्र पंत ने आदेश जारी किए हैं। आदेश में केवल एक दिवसीय सत्र की अधिसूचना है। हालाकि सत्र कितने दिन चलेगा यह कार्य मंत्रणा की बैठक के बाद तय होगा।

इस विधानसभा सत्र के दौरान तीन महत्वपूर्ण मसौदे टेबल किए जाने हैं। उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित सम्मान नागरिक संहिता कानून का ड्राफ्ट भी पेश किया जा सकता है। इसके साथ ही दो आरक्षण के बिल पेश किए जाएंगे। जिसमें राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10% क्षैतिज आरक्षण व खिलाड़ियों को दिए जाने वाले 4 फीसद आरक्षण के विधेयक को टेबल किया जाएगा।

15 दिन और बढ़ाया गया यूसीसी समिति का कार्यकाल।

समान नागरिक संहिता कानून को लेकर गठित कमिटी का कार्यकाल आज खत्म हो रहा था। जिसको राज्य सरकार ने एक बार फिर 15 दिन के लिए और बढ़ाया है। सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट लगभग तैयार है लेकिन कुछ औपचारिकताएं हैं जिन्हें समिति पूरा कर रही है जिसके लिए यह कार्यकाल बढ़ाया गया है। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्य कमेटी का गठन किया था। समिति ने प्रदेश के अलग-अलग वर्गों से एक लाख से ज्यादा सुझाव लिए थे। जिन्हें ड्राफ्ट में संकलित किया गया है। ऐसे में देखना होगा जब यूसीसी का ड्राफ्ट टेबल किया जाएगा उसमे क्या कुछ प्रावधान किए गए है।

राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसद आरक्षण।

सितंबर माह में राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को 10% क्षैतिज आरक्षण का बिल विधानसभा में आया था। जिसमें खामियों को देखते हुए प्रवर समिति का गठन किया गया था। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रवर समिति का गठन किया गया था। जिसका कार्यकाल 2 बार बढ़ाया गया। इसके बाद समिति ने ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया और विधानसभा अध्यक्ष सौंपा। जिसे इस सत्र में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।

खिलाड़ियों को 4 प्रतिशत आरक्षण

खेल को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। राज्य सरकार राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय विजेता खिलाड़ियों को 4% क्षैतिज आरक्षण देगी। जिसको कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। यह विधेयक आगामी विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया जाना है। यह विधेयक जब कानून का रूप ले लेगा उसके बाद राज्य के खिलाड़ियों को चार प्रतिशत आरक्षण मिल सकेगा।

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