2014 से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं, खर्च पूरा

– बिना किसी कार्य के ढाई करोड़ का बजट लग रहा ठिकाने

देहरादून: उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए लोकायुक्त का प्रावधान किया गया था। लेकिन पिछले आठ साल से प्रदेश में लोकायुक्त की तैनाती नहीं हो सकी है। इसके बावजूद हर साल लोकायुक्त कार्यालय में तैनात कार्मिकों पर बिना किसी काम के ढाई करोड़ का खर्च किया जा रहा है। यहां दस लोग मुफ्त में खजाने पर भारी-भरकम बोझ बने हुए हैं। यह खुलासा सूचना का अधिकार के तहत हुआ है।

लोकायुक्त की नियुक्ति और वहां के कर्मचारियों और कार्यों की जानकारी को लेकर एक आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी।

इसमें कहा गया कि 2014 से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की गयी है। लोकायुक्त कार्यालय में सचिव समेत 10 कार्मिक हैं। लोकायुक्त के साथ ही नियमावली के तहत सदस्यो का चयन भी होना था लेकिन आज तक एक भी सदस्य का चयन नहीं किया गया है।

सूचना का अधिकार में बताया गया है कि लोकायुक्त कार्यालय के लिए कुल दो करोड़ 47 लाख 75 हजार का बजट आंवटित हुआ है।

अहम बात यह है कि इसमें से एक करोड़ 53 लाख रुपये की धनराशि केवल दस लोगों के वेतन के लिए जारी हुई है जबकि महंगाई भत्ता ही इनको 62 लाख रुपये दिया गया है। कुल मिलाकर

 

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