प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास किया। शिलान्यास के बाद पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है और विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले इंडोनेशिया सहित दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो भगवान राम के नाम का वंदन करते हैं। राम मंदिर को भारतीय संस्कृति की ”समृद्ध विरासत” बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि रामायण इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस, मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल में प्रसिद्ध और पूजनीय है। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जिक्र ईरान और चीन तक में पाया गया है। राम कथा कई देशों में प्रचलित है।

पीएम मोदी ने कहा कि ”दुनिया में कितने ही देश राम के नाम का वंदन करते हैं। वहां के नागरिक खुद को श्रीराम से जुड़ा हुआ मानते हैं। विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है, वो है इंडोनेशिया। वहां हमारे देश की ही तरह ”काकाविन” रामायण, स्वर्णद्वीप रामायण, योगेश्वर रामायण जैसी कई अनूठी रामायण हैं। राम आज भी वहां पूजनीय हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार कंबोडिया में ”रमकेर रामायण”, मलेशिया में ”हिकायत सेरी राम” तो थाईलैंड में ”रामाकेन” रामायण है।

मोदी ने कहा कि श्रीलंका में रामायण की कथा ”जानकी हरण” के नाम से सुनाई जाती है और नेपाल का तो राम से आत्मीय संबंध माता जानकी से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि, ”ऐसे ही दुनिया के और न जाने कितने देश हैं, कितने छोर हैं, जहां की आस्था में या अतीत में, राम किसी न किसी रूप में रचे बसे हैं। आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा, आज भी प्रचलित है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी, ”राम सबके हैं, सब में राम हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि भगवान श्रीराम का संदेश, राम मंदिर का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे। उन्होंने कहा कि, ”मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर अनंत काल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा और कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हमारी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की जिम्मेदारी है।इसी को समझते हुए देश में भगवान राम के चरण जहां-जहां पड़े, वहां राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है।”

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