रुड़की: रुड़की में तिरंगा यात्रा में कोरोना की गाइडलाइन के उल्लंघन के आरोप में पूर्व सीएम हरीश रावत और भगवानपुर, कलियर व मंगलौर विधायकों समेत 16 कांग्रेसियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जबकि 200 अज्ञात कांग्रेसियों के खिलाफ भी पुलिस ने केस दर्ज किया है। धारा 144 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 188 में मामला दर्ज किया गया है।

पूर्व सीएम की तिरंगा यात्रा में शामिल कांग्रेसियों को पुलिस वीडियो और फोटो के आधार पर चिह्नित कर रही है। बताया जा रहा है कि कई और कांग्रेसियों के नाम भी पुलिस वीडियो के आधार पर केस में शामिल कर सकती है।

आपको बता दे कि पूर्व सीएम हरीश रावत ने शनिवार को भगवानपुर विधायक ममता राकेश, मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन और कलियर विधायक फुरकान अहमद के साथरुड़की लक्सर मार्ग की बदहाली को लेकर तिरंगा यात्रा निकली थी।

मुकदमे पर हरीश रावत की प्रतिक्रिया…

सूचना मिली है कि ढंढेरा से लंढौरा तक तिरंगा यात्रा बैलगाड़ी पर निकालने के जुर्म में मेरे खिलाफ और मेरे कुछ साथियों के खिलाफ वाद कायम कर दिया गया है। मुकदमा लगा दिया गया, बैलगाड़ी में मैं हूं, मेरे साथ चार-पांच लोग जो प्रपर्ली सैनिटाइजड हैं और मास्क पहनकर के बैठे हुये हैं।

मगर लोग तो आएंगे, अभिवादन भी करेंगे, जै-जैकार भी करेंगे। हमने कोशिश की और अपनी कोशिश में हम सफल भी हुये कि लोगों ने मास्क धारण किये, कुछ लोगों ने जिन्होंने कभी मास्क धारण नहीं किया था। बताया उन्होंने कि आज मेरी अपील पर उन्होंने भी मास्क धारण किया, हमने यात्रा के प्रारंभ में भी, बीच में भी लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क धारण करने आदि सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील भी की। देश के अंदर तो नहीं लेकिन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में, मैं पहला सामाजिक कार्यकर्ता हूं जो अपनी फेसबुक का इस्तेमाल लगभग आधा दर्जन बार से ज्यादा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने। सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क पहनने आदि धारण करने, सैनिटाइजड वे में सार्वजनिक व्यवहार करने की अपील कर चुका हूं।

आज भी मैं अपनी अपील को दोहरा रहा हूं, प्रशासन की भी मजबूरी है, हम राजनीतिक कार्यकर्ता हैं हमारी भी मजबूरी है, यदि प्रतिद्वंदी पार्टी सार्वजनिक आयोजन करेगी। चाहे वो सत्तारूढ़ दल ही क्यों न हो, चाहे वो मुख्यमंत्री और मंत्रीगण ही क्यों न हो, तो फिर कांग्रेस कैसे चुप रह सकती है, एक बड़ा यक्ष प्रश्न है कि प्रशासन को चाहिये कि सख्ती से 50-60 कोई संख्या निर्धारित कर दें। इतनी ही संख्या उनके उसमें भी आये और हमारी व दूसरे राजनैतिक दलों के उसमें भी आये, हर कोई मास्क धारण करे और सैनिटाइज रहे, यदि #भाजपा को छूट रहेगी, सरकार को छूट रहेगी, तो फिर मजबूरन विपक्ष को भी अपने सार्वजनिक कार्यक्रम करने ही पड़ेंगे और फिर क्या करें!

जंगे आजादी की लड़ाई में, अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में देघाट, जैंती, चनौदा और खुमाड़, सकलाना, ये ऐसे स्थल हैं जहां मैं गया ही गया हूं और लोग आते ही आते हैं, हमारे सामाजिक दायित्व हैं। हम संतुलन रखना चाहते हैं मगर प्रशासन को कुछ चीजें तय करनी पड़ेंगी, क्या फायदा आप मुकदमे लगाएं, हमको जेल डालें व हम कहें लोकतंत्र की हत्या हो रही है और हमारे पास उदाहरण होंगे, लोगों को बताने के लिये, दिखाने के लिये कि भाजपा के नेताओं ने किस तरीके से झुण्ड बनाकर के खड़े हैं, लेकिन उन पर मुकदमे नहीं है और हम सार्वजनिक स्थलों पर, सड़कों पर निकल रहे हैं, दूरी भी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मास्क भी पहन रहे हैं, सैनिटाइज भी कर रहे एरियाज को, तब भी मुकदमे झेलने पड़ रहे हैं, कम ऑन एडमिनिस्ट्रेशन, साहस करिये, एक नियम घोषित कर दीजिये 50-60, 100 जो भी सत्तारूढ़ दल कहे, वो दोनों पर सख्ती के साथ, दोनों पर ही नहीं सभी राजनीतिक दलों पर, सामाजिक कार्यक्रमों पर, धार्मिक कार्यक्रमों पर सख्ती से लागू करिये, हम पालन करेंगे।

 

 

 

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