अल्मोड़ा: वैसे तो डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है लेकिन अब डॉक्टरो की मरीज के प्रति लापरवाही देखी जा रही है। अक्सर देखा जाता है कि डॉक्टरों की अनदेखी और लापरवाही के वजह से कई मरीजों को समय पर इलाज न मिलने से उनकी मौत हो जाती है।

ऐसा ही एक शर्मनाक मामला अल्मोड़ा से सामने आया है। जहां कोरोना होने की आशंका के चलते एक गर्भवती महिला को निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ाया और अंत में इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई। बात दे कि गर्भवती को पहले टाइफाइड हुआ था और सांस लेने की तकलीफ होने पर डॉक्टरों ने कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही इलाज करने की बात कही। बाद में महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

महिला पांच माह की गर्भवती आशा देवी (24) पत्नी मुन्ना सिंह निवासी कोसी कटारमल का स्वास्थ्य गुरुवार सुबह से खराब था। महिला एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंची तो कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका जताते हुए उसे कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया। इसके बाद परिवार वाले उसे जिला अस्पताल अल्मोड़ा लेकर पहुंचे तो उसे कोविड-19 की जांच के लिए बेस अस्पताल भेजा गया।

बेस अस्पताल में महिला की कोरोना जांच हुई और महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन उसकी हालत बिगड़ने लगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर परिवारवाले जब उसे देर शाम बेस से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक महिला दम तोड़ चुकी थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया।

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