भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर बातचीत विफल रही तो सैन्य विकल्प मौजूद है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सरकार का प्रयास बातचीत के जरिये इस मुद्दे को सुलझाना है। हालांकि उन्होंने इशारा किया कि पूर्वी लद्दाख में सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं।
जनरल रावत ने कहा, “सरकार शांतिपूर्ण ढंग से मामला सुलझाना चाहती है। रक्षा सेवाओं का काम निगरानी रखना और ऐसे अतिक्रमण को घुसपैठ में तब्दील होने से रोकना है। अगर LAC पर पूर्वस्थिति बहाल करने की कोशिशें सफल नहीं होती हैं तो सैन्य कार्रवाई के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लद्दाख में पहले जैसी स्थिति में लौटाने के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दोनों पक्षों के बीच पिछले तीन महीनों से दर्जन बार कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं हो चुकी हैं, जिसमें पांच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता भी शामिल हैं, लेकिन अभी तक विवाद सुलझाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को यह बात स्पष्ट रूप से बता दी है कि एलएसी को बदलना उन्हें मंजूर नहीं है। इसके बाद सैन्य कमांडरों ने एलएसी पर मौजूद कमांडिंग अफसरों से किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कह दिया है।