होली हो और भांग का ज़िक्र न हो यह कैसे हो सकता है। होली में लोग भांग को ठंडाई में मिलाकर पीते हैं या कई लोग इसे पीसकर भी खाते हैं।कई लोग भांग पीने के बाद ख़ुशी महसूस करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है भांग शब्द के साथ जुड़ा एक निषेध है पर साथ ही जुड़ा है उसका ऐतिहासिक महत्व…!

1985 के पहले का उत्तराखंड भांग कि खेती…

यह काफी विवादास्पद विषय रहा है लेकिन हमेशा से नहीं। सन 1985 के पहले का उत्तराखंड भांग कि खेती करने में हिचकता नहीं था बजाय भांग कि खेती काफ़ी फल फूल रही थी। 1985 के प्रतिबंध को जब 2018 में, उत्तराखंड से हटाया गया तो यह पहला देश का राज्य बना जिसने भांग की खेती को कानूनी रूप से अनुमति दी।

2019 में स्थापित यह सामाजिक उद्यम…

कुमाऊं खंड, भांग यानी हैंप के इसी व्‍यावसायिक कृषिकरण का एक प्रतिफल रहा है। 2019 में स्थापित यह सामाजिक उद्यम उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा क्षेत्र में शुरू किया गया था, जो कि आज बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ ज़िले में किसानों के साथ जुड़ चुका है।
कुमाऊं खंड, ग्रामीण एवं सामुदायिक विकास कार्य में सहयोग देने के साथ ही हैंप के निश्चित उपभोगों के बारे में जन साधारण को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है। इससे जुड़े कुछ 100+ किसान, लघु उद्यमकर्त्ता एवं महिला किसान इसे स्थानीय और एक प्रबल संसाधन बनाते हैं।

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कुमाऊं खंड के सारे प्रोडक्ट राज्य में ही निर्मित…

सतत विकास कुमाऊं खंड का मूल आधार है। यह स्थानीय समुदाय को सुरक्षित आजीविका सुनिश्चित कराने कि दृष्टि से कुमाऊं क्षेत्र के 3 ज़िलों में अपना विस्तार कर रहा है। इस एंटरप्राइज ने किसान भाइयों और बहनों को बाजार लिंकेज प्रदान करने के लिए मंच दिया है। कुमाऊं खंड के सारे प्रोडक्ट राज्य में ही निर्मित होते हैं एवं यहीं से संसाधित होते हैं जो कि किसानों को प्राथमिक हितधारक बनाता है।

इस अदभुत पौधे का उपयोग अब हर औद्योगिक क्षेत्र…

कुमाऊं खंड के संस्थापक, पवित्र जोशी, TISS (मुंबई) से प्रशिक्षित एक सामाजिक उद्यमकर्त्ता हैं जिनका आशय ग्राम्य उपजीविका का प्रोत्साहन करने के साथ ही हैंप के प्रयोग को फ़िर से प्रचलन में लाना रहा है। उनका कहना है,” हैंप (भांग) से अनेकों संभव उत्पादों कि गुंजाइश है जो कि आनवाले समय में उत्तराखण्ड राज्य एवं उसके कृषकों को आर्थिक और सामाजिक लाभ पहुंचा सकता है। इस अदभुत पौधे का उपयोग अब हर औद्योगिक क्षेत्र में किया जाने लगा है, चाहे वह प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर हो या जेट विमानों के ईंधन के रूप में या फ़िर कपड़ों और कॉस्मेटिक्स बनाने के लिए।”

450+ उपभोक्ताओं का विश्वास जीत चुके…

हैंप एक अत्यधिक गुणकारी पौधा है जो अपने औषधिय एवं स्वास्थ्य लाभों के लिए वेदों में भी मौजूद है। कुमाऊं खंड का प्रयास इन्हीं फायदों को बाज़ार में उपलब्ध कराना और कृषकों को इसका सीधा लाभ पहुंचाना है। हैंप से बने रेशे(फाइबर), भांग के बीज, भांग का नमक, भांग के बीज का तेल इत्यादि कुमाऊं खंड के कुछ ऐसे उत्पाद हैं जो 450+ उपभोक्ताओं का विश्वास जीत चुके हैं। आहार पोषण, बाल और त्वचा की देखभाल एवं उपचारात्मक प्रयोगों के लिए कुमाऊं खंड के विभिन्न उत्पाद लोगों द्वारा खरीदे जाते हैैं।

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