देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी द्वारा लगातार सरकार को घेरने से सुर्खियों में बने रहने के बाद मृत अवस्था में पड़ी कांग्रेस आज पहली बार जोश खरोश के साथ सड़क पर दिखाई दी। किसानों के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी द्वारा ली गई बढ़त के बाद आज प्रीतम सिंह पहली बार विपक्ष के रूप में नजर आए।

प्रीतम सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि संसद के बीते मॉनसून सत्र में पास किये गए तीन काले कानून देश के 65 करोड़ किसानों को गुलाम बनाने की बड़ी साजिश है जिसका सूत्रपात मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कि अगर देश में एमएसपी प्रणाली ही समाप्त हो जाएगी तो किसान अपनी फसल का मूल्य किस प्रणाली से तय करेगा।

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उन्होंने कहा कि अनाज मंडी व सब्जी मंडी समाप्त कर किसान को पंगु बनाने की बड़ी साजिश है । प्रीतम सिंह ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन कर मोदी सरकार ने जमाखोरी व कालाबाज़ारी को कानूनी रूप से वैध बना दिया। प्रीतम सिंह ने कहा कि आज देश के करोड़ों किसान मोदी सरकार के इन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ सड़को पर उतरे हुए हैं और मोदी जी आंखों में पट्टी बांध कर इन कानूनों को जायज ठहरा रहे हैं। उन्होंने राज्य के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ आज के राजभवन कूच को ऐतिहासिक बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।

कूच से पूर्व कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित सभा को राज्य सभा संसद प्रदीप टम्टा, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, विधायक ममता राकेश , गणेश गोदियाल, शूरवीर सजवाण ,विधायक मनोज रावत,पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, पूर्व विधायक राजकुमार , किसान नेता धर्मपाल , जिला पंचायत रुद्रप्रयाग की पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने संबोधित किया।

 

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