देहरादून: केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने देहरादून पहुँचकर आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। जिसमें उन्होंने कृषि सुधार विधेयक पर बोलते हुए कांग्रेस पर जम कर निशाना साधा।
कांग्रेस ने शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर…
रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर अनेक बंधनो से जकड़ रखा है। आज तक किसानों के हित में कोई फैसला लिया नहीं और आज जब किसी सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं तो किसानों को गुमराह किया जा रहा है। 2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को एपीएमसी एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही एपीएमसी एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है।
कांग्रेस के वादे के 11 पॉइंट में स्पष्ट लिखा है…
2019 के चुनाव घोषणा पत्र में कांग्रेस ने एपीएमसी को हटाने की बात की थी घोषणा पत्र के कृषि पर किए गए कांग्रेस के वादे के 11 पॉइंट में स्पष्ट लिखा है, अब जब मोदी सरकार किसानों को सशक्त करने के लिए कदम उठा रही है तो कांग्रेस किसानों को गुमराह कर साजिश रच रही है।
वहीं उन्होंने कहा कि कृषि सुधार विधायकों से बढ़ेगा मुनाफा अन्नदाता होंगे। सशक्त कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधायक तृषा कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु विधेयक के पास होने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए नए अवसर मिलेंगे जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नालॉजी का लाभ मिलेगा।
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वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। यह विधेयक किसानों को अपनी फसल के भंडारण और बिक्री की आजादी देंगे और बिचौलियों के चुंगल से उन्हें मुक्त करेंगे।
किसानों के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकार…
2009-10 में यूपी के समय कृषि बजट 12 हजार करोड़ को बढ़ाकर प्रधानमंत्री मोदी ने 134000 करोड रुपए किया। किसान सम्मान निधि योजना में आज तक 95 हजार करोड़ किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर मोदी सरकार द्वारा 10000 नए एफपीओ पर 6850 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ की घोषणा की गई।
किसानों को लोन के लिए पहले के आठ लाख करोड़ के बदले अब 15 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था मोदी सरकार नए स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर उत्पादन लागत पर एमएसपी को बढ़ाकर डेढ़ गुनाह किया। प्रधानमंत्री किसान मानधन के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम ₹3000 माह पेंशन का प्रावधान एम एच पी के भुगतान की बात करें तो मोदी सरकार ने 6 साल में 700000 करोड रुपए किसानों को भुगतान किया है जो यूपीए सरकार से दुगना है।