देहरादून: कार्तिक मास को हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों के लिए जाना जाता हैं। दिवाली के तीन दिन बाद यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व की शुरुआत हो जाती है। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व भारत में मनाया जाता है। लेकिन कोरोना का असर दिवाली के साथ छठ पूजा पर भी दिखा।

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आपको बता दें कि देहरादून और हरिद्वार जिला प्रशासन ने छठ पूजा पर पाबंदियां लगाई है। हरिद्वार और देहरादून जिला प्रशासन ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। देहरादून में अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल ने जारी आदेश में कहा कि कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। इसी को देखते हुए नदियों, घाटों और नहरों में सामूहिक सूर्य अर्घ्य पूजन की अनुमति नहीं दी गई है।

यह एसओपी रहेगी लागू…

  • सभी श्रद्घालु नदी किनारे घाटों, नहरों या सार्वजनिक स्थानों पर छठ पर्व का आयोजन करने के बजाय अपने-अपने घरों में पूजन एवं अर्घ्य देंगे।
  • सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 से बचाव के लिए दो गज की दूरी बनाए रखना आवश्यक है।
  • इस दौरान सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य है।
  • कंटेनमेंट जोन में छठ पूजा का आयोजन पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा।
  • सभी श्रद्धालु छठ पूजा के कार्यक्रम के दौरान अधिक संख्या में घरों में एकत्र न हों।
  • 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों का छठ पूजा के कार्यक्रम के दौरान विशेष ध्यान रखा जाए।
  • 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का स्वास्थ्य हित में इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखना उचित होगा।
  • समय-समय पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन और मास्क का प्रयोग आदि शामिल है।

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