खटीमा : मगरमच्छों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूपी सीमा से सटे खटीमा में उत्तराखंड की पहली मगरमच्छ सफारी बनाई जाएगी।
वन विभाग ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्ल्यूडब्ल्यूआई ने खटीमा स्थित ककराह नाले के मगरमच्छों पर अध्ययन के बाद इंटीग्रेटेड डेवलेपमेंट ऑफ वाइल्ड लाइफ हेबीटेट योजना के तहत भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा था। भारत सरकार ने प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी है, अब राज्य से स्वीकृति मिलने का इंतजार है।

उत्तराखंड के कुमाऊं में तराई का खटीमा क्षेत्र उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से लगा है। तराई पूर्वी वन प्रभाग की राज्य सीमा से सटी सुरई रेंज के ककराह नाले में मगरमच्छों की संख्या अधिक है। वन विभाग की गणना में खुलासा हुआ था कि नाले में करीब सौ से अधिक मगरमच्छ हैं।

इस पर वन विभाग की संस्था डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और डब्ल्यूडब्ल्यूआई ने इस नाले पर मगरमच्छों के संरक्षण को लेकर अध्ययन किया। इसके बाद अब वन विभाग इस नाले से सटे जंगल क्षेत्र को मगरमच्छ सफारी बनाने जा रहा है। विभाग की मानें तो मगरमच्छों के संरक्षण के लिए ककराह नाला मुफीद है।

वन महकमा ककराह नाले के तट पर विचरण करते एवं गरम-ठंडी रेत पर लोटते मगरमच्छों का नजारा आम दर्शकों एवं पर्यावरण प्रेमियों को दिखाना चाहता है। विभाग का मानना है कि मगरमच्छ सफारी बनने के बाद सैलानियों के यहां आने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और विभाग के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

ककराह नाले पर तकरीबन एक किलोमीटर लंबे हिस्से को सफारी के लिए चिह्नित किया गया। इसके दोनों ओर तारबाड़ और दीवारें खड़ी की जाएंगी। सफारी का आनंद लेने के लिए आने वाले पर्यटकों को मगरमच्छों से कोई खतरा न हो और पर्यटकों की दूरी भी बनी रहे, इसके लिए सुरक्षित ट्रैक भी बनाया जाएगा।

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