देहरादून : जून 2013 में केदारनाथ में आई भीषण बाढ़ के बाद सरकार चारधाम यात्रा के सभी मार्ग सुदृढ़ कर रही है। जहां कहीं भी ट्रैफिक जाम की शिकायत थी उन सभी स्थानों को दुरुस्त किया जा रहा है। यह परियोजना भी उस योजना का एक अंग है। बता देें की आने वाले समय मे चारधाम यात्रा बहुत ही सुगम हो जाएगी। यात्रियों को मीलों का सफर कम तय करना पड़ेगा।

दून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे की मंजूरी के बाद केंद्र से उत्तराखंड राज्य को एक और तोहफ़ा मिला है। अब बदरीनाथ से केदारनाथ जाने के लिए रुद्रप्रयाग आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार दोनों धामों को जोड़ने के लिए सड़क बना रही है, जिसमें 900 मीटर लंबी सुरंग की जरूरत होगी। ये उपलब्धि भी मुुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के कार्यकाल में एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर दर्ज होगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने 248.52 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को मंजूरी दे दी। 900 मीटर लंबी इस सुरंग को बनने में ढाई साल लगेंगे। इसके साथ ही अलकनंदा पर 200 मीटर लंबा एक पुल भी बनाया जाएगा।

सुरंग बनने के बाद तीर्थयात्रियों को रुद्रप्रयाग में 3 से 4 घंटे तक लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी। अभी केदारनाथ से बदरीनाथ और बदरीनाथ से केदारनाथ जाने के लिए सभी यात्रियों को रूद्रप्रयाग शहर के अंदर संकरी और भीड़ वाली सड़कों से होकर ही जाना पडता था।

करीब 10 हजार कार प्रतिदिन (पीसीयू) की क्षमता वाली इस सुरंग में आने जाने के लिए अलग अलग रास्ते होंगे। खास बात यह है कि परियोजना के लिए न तो पर्यावरण विभाग की अनुमति चाहिए और ना ही भूमि अधिग्रहण की क्योंकि अधिकतर भूमि वन विभाग की है। उत्तराखंड सरकार इसके लिए अपनी सहमति पहले ही दे चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here