देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली की एक सामान्य महिला से किया अपना 13 साल पुराना वादा निभाया है। सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी देने वाला अध्यादेश पास किया है। राजस्व रिकॉर्ड में पति की पैतृक संपत्ति में भी महिला का नाम दर्ज होगा। इस ऐतिहासिक फैसले पर कैबिनेट ने बुधवार को मुहर लगाई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को ट्वीट कर खुलासा किया कि उन्होंने 13 साल पहले कृषि मंत्री रहते हुए एक महिला से ऐसा कानून लाने का वादा किया था।

सीएम रावत ने ट्वीट किया, ‘साल 2008 में जब मैं प्रदेश का कृषि मंत्री था तो सीमांत जनपद चमोली में मेरी मुलाकात श्रीमती विश्वेश्वरी देवी जी से हुई। उन्होंने बड़े तार्किक ढंग से यह बात रखी कि पति की संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए और उनकी ये बात हमेशा मेरे साथ रही। आज जब मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं तो मुझे बेहद खुशी है कि हमारी सरकार ने विश्वेश्वरी देवी जी की मन की इच्छा को पूरा किया और प्रदेश की लाखों महिलाओं को उनका अधिकार दिलाया। मातृशक्ति का आशीर्वाद सदैव बना रहे।’

पैतृक संपत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर कानून बनाए जाने पर चमोली की रहने वाली विश्वेश्वरी देवी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं को संपत्ति में बराबरी का अधिकार जो मुख्यमंत्री ने दिया है उससे मैं बहुत खुश हूं। मुख्यमंत्री जी जब कृषि मंत्री थे तो 2008 में यहां (चमोली) आए थे तो हमने उन्हें अपनी समस्याएं बताई थीं कि संपत्ति में महिलाओं को भी बराबरी का अधिकार होना चाहिए। आज जब मोबाइल में उनका भाषण देखा तो मुझे बहुत खुशी हुई।’

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