देहरादून: पर्यटन व्यवसाय के फिर ठप्प होने की संभावना
पिछले वर्ष कोरोनावायरस चौपट हुई चार धाम यात्रा इस वर्ष भी सुचारू रूप से चलने की संभावना नहीं है।

उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए जिस प्रकार की गाइडलाइन बनाई है उससे तीर्थ यात्रियों का आना बहुत मुश्किल है कोरोना की दूसरी लहर के बीच सरकार ने निर्णय लिया है कि चार धाम यात्रा को आने वाले तीर्थ यात्रियों को आरटी पीसीआर के अलावा सीबीएनईटी और टी आर वाई एनबीटी टेस्ट रिपोर्ट लेकर आना होगा यदि किसी भी तीर्थ यात्री के पास ऐसी रिपोर्ट नहीं होगी तो उसे प्रदेश में नहीं आने दिया जाएगा सरकार की इस घोषणा से स्पष्ट है कि इस वर्ष भी न सिर्फ चार धाम यात्रा बाधित रहेगी बल्कि पर्यटन और तीर्थाटन के भरोसे गुजर बसर करने वालों के लिए भारी कठिनाई होगी होटल व्यवसायियों से लेकर ट्रेवल जैसी सभी रोजगार ठप होने की संभावना है।

प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति,धर्मस्व एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुंभ को कोरोना संकट के चलते प्रतीकात्मक रखे जाने की अपील का स्वागत करते हुए हरिद्वार महाकुंभ और चारधाम यात्रा पर अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों साधु-संतों और पर्यटकों को कोविड नियमों का पालन करने के साथ-साथ कार्ट्रिज आधारित न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (CBNAAT), रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन टेस्ट (RTPCR) और टीवी डायग्नोसिस टेस्ट (TRUENAT) को अनिवार्य बताते हुए सभी से अनुरोध किया है कि सभी लोग वैक्सीन अवश्य लगवाएं ताकि हमारे साथ साथ पूरा देश स्वस्थ रहें। श्री सतपाल महाराज ने कहा कि कि जो साधु संत कुंभ की पूरी परंपरा का निर्वहन करना चाहते हैं उनका हम हृदय से स्वागत करते हैं। लेकिन साथ ही मैं यह भी कहना चाहता हूं कि 27 और 30 अप्रैल के कुम्भ स्नान में सभी कोविड नियमों का पालन करते हुए देह दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग अवश्य करें। संस्कृति मंत्री महाराज ने बताया कि हरिद्वार में महाकुंभ पर आयोजित होने वाले देव डोलियों का कुंभ स्नान निर्धारित समय पर कोविड नियमों का पालन करते हुए आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता हो चुकी है। इस आयोजन में भी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर की अनिवार्यता रहेगी। श्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर सरकार पूरी तरह से तैयार है। कोविड नियमों का पालन करने के साथ-साथ सीबीएनएएटी, टीआरवीईएनएटी और आरटीपीसीआर सहित तीनों टेस्टों को अनिवार्य किया गया है। जो भी व्यक्ति अन्य प्रांतों से उत्तराखंड आएंगे उनको यह टेस्ट करवाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा और सभी प्रकार की जांच के बाद यात्रा की अनुमति दी जाएगी। पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि रावलों से बातचीत के बाद चारधाम यात्रा की पूरी समीक्षा कर ली गई है। आगे भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में हम इसकी समीक्षा समय-समय पर करते रहेंगे, ताकि विधिवत रूप से समय पर मंदिरों के कपाट खोले जा सकें और हमारी जो मर्यादा और परंपरा है उसी के अनुरूप श्रद्धालु दर्शनों का लाभ भी उठा सकें। महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत निर्धारित क्षमता के अनुरूप ही यात्रियों को उत्तराखंड आने की इजाजत दी जाएगी।

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