देहरादून:उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने एक बार फिर राज्य सरकार को राज्य के ढाई हजार रजिस्टर्ड बेरोजगार डेंटिस्ट एवं आयुष डॉक्टर्स की याद दिलाई है।

दसौनी ने कहा कि पिछले महिने 28 अप्रैल 2021 को उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कुछ बिंदुओं पर निर्देश दिए थे। उनमें से एक बिंदु महामारी के इस दौर में राज्य के रजिस्टर्ड बेरोजगार* *डेंटिस्टों की सेवाएं लेने का भी था। लेकिन आज लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया है।

दसोनी ने कहा कि हमारे ग्रामीण अंचलों में लगातार स्टाफ की कमी की खबरें आ रही है, जिसकी वजह से लोग बेमौत मारे जा रहे हैं।अब तो पर्वतीय जिलों से बच्चों के बड़ी तादाद में संक्रमित होने की भी खबरें आ रही हैं। ऐसे में जहां एक और टेस्ट की कमी को इसका कारण बताया जा रहा है वहीं स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की कमी को भी बड़ा कारण माना जा सकता है*।

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दसौनी ने कहा की आईसीएमआर की ब्लैक फंगस को लेकर गाडलाइंस जारी की गई है* , *जिसमें डेंटिस्ट को भी रखने की बात कही गयी है। ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह राज्य में उपलब्ध इंदौर की सेवाएं लें।गरिमा ने कहा आज हमारे पहाड़ों पर स्थिति बहुत गंभीर है*।
एक भी पीएचसी और हैल्थ एंड वैलनेस सेन्टर में डेन्टल सर्जन का पद ही नहीं है और ना ही पोस्टिंग की गई है*। *तीसरी वेव ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है और सरकार अभी भी सोई हुई है*।,
*यहां तक कि सरकार डेंटिस्ट का इंटरव्यू भी ले चुकी है लेकिन महामारी के ग्रामीण अंचलों में पैर पसारने के बावजूद इन डॉक्टर्स की ज्वाइनिंग का कोई अता पता नहीं*। *दसोनी ने यह भी कहा कि सूत्रों से पता चला है कि सरकार बीडीएस डॉक्टर्स को मात्र 40000 रुपए महीना देने की बात कर रही है जो कि कि इस महामारी में बहुत कम है* । *हाईकोर्ट के निर्देशों की साफ तौर पर अवहेलना स्वास्थ विभाग के द्वारा की जा रही है। दसौनी ने कहा की कांग्रेस के समय में डेंटल रिमोट में भेजने की कवायद शुरू हुई लेकिन भाजपा* *सरकार 4 साल के कार्यकाल में उसे पूरा नहीं कर पाई है।दसौनी ने राज्य सरकार से शीघ्र अति शीघ्र इस ओर ध्यान देने का आग्रह किया।

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