आज वैशाख पूर्णिमा है और इसी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर यानी 26 मई, बुधवार के दिन दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से चंद्रग्रहण शुरू हो जाएगा। यह चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि में और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। इस चंद्र ग्रहण के बाद दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगेगा।

आइए जानते हैं इस चंद्रग्रहण के बारे में पूरी जानकारी…

साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण, 26 मई को दोपहरा2 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम के 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। ऐसे में यह चंद्रग्रहण कुल मिलाकर 5 घंटे और 2 मिनट तक रहेगा। इस चंद्रग्रहण के बाद फिर अगला चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगेगा।

ग्रहण का ज्योतिष में विशेष महत्व होता है। पंचांग गणना के अनुसार यह चंद्रग्रहण अनुराधा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते हैं जिसमें अनुराधा नक्षत्र का क्रम 17वें पर है। इस नक्षत्र के स्वामी भगवान शनि माने गए हैं।

कहां-कहां दिखाई देखा यह चंद्रग्रहण

पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया से पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह चंद्रग्रहण उपछाया होगा जिस कारण से यह भारत के लोगों को चंद्रमा, पृथ्वी की छाया पड़ने के कारण धुंधला सा दिखाई देगा। लेकिन पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों के लोग आंशिक चंद्र ग्रहण का आखिरी हिस्सा ही देख पाएंगे।

इस साल का पहला चंद्रग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण के तौर पर पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण को ही सुपर ब्लड मून कहा जाता है। सुपर ब्लड मून में चंद्रमा सुर्ख लाल रंग की तरह दिखाई देता है। भारत में यह सुपर ब्लड मून नहीं देखा जा सकेगा क्यों अधिकांश हिस्से में उपछाया ग्रहण के तौर पर देखा जा सकेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाता है इसलिए इस दौरान चंद्रमा लाल रंग दिखाई देने लगता जिस वजह से इसे सुपर ब्लड मून कहा जाता है।

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