देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड गठन को लेकर शुरू से लेकर अब तक प्रचंड बहुमत की सरकार कोई निर्णय लेने की स्थिति में क्यों नहीं है। प्रीतम ने कहा कि आखिर क्यों बार बार रोल बैक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र रावत सरकार की बोर्ड गठन सम्बंधित घोषणा के वक्त भारी विरोध हुआ था। जिसके मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने एलान किया कि सत्ता में आते ही इसको निरस्त करेगी। फिर नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने इस पर पुनर्विचार करने की बात कही। हाल ही में तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज ने बयान दिया कि इस पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा। जिसकी वजह से पंडा पुरोहित समाज में एक बार फिर आक्रोश देखने को मिला। फिर सतपाल महाराज अपने बयान से पलटते हुए सफाई में कहा गया कि बयान को तोड़ा मरोड़ा गया। प्रीतम सिंह ने कहा कि अब इसमें सदस्य नामित कर दिए गए हैं। जिससे पुष्टि हो गई है कि देवस्थानम बोर्ड का गठन अंततोगत्वा कर दिया गया है। जिसमें कई नेता, उद्योगपति- पूंजीपति, अफसरशाह एवं पंडा पुरोहितों को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे में सवाल यह यह उठता है कि आखिर राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर बार-बार अपने बयान से मुकर क्यों रही है। आखिर क्यों कोई एक स्टैंड क्यों नहीं ले पा रही है। प्रीतम ने कहा कि कांग्रेस का स्टैंड साफ है यदि 2022 में कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह देवस्थान बोर्ड को निरस्त करेगी। परंतु सत्ताधारी दल गठन को लेकर कहती कुछ हैं और धरातल पर कुछ और ही देखने को मिलता है। जिससे जाहिर होता है कि सरकार में समन्वय की बेहद कमी है।

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