1971 के युद्ध के उपरान्त 90,000 पाकिस्तानियों को बन्दी बनाया गया। बन्दी शिविर में पाकिस्तानी सेना के सूबेदार मेजर के खेमे में बाहर से किसी ने अंदर आने की अनुमति मांगी। पराजय के उपरान्त इस प्रकार का सम्मान प्रायः अनअपेक्षित होता है। सूबेदार मेजर ने जब देखा तो वहाँ कोई और नहीं, विजयी भारतीय सेना के प्रमुख – जनरल सैम मानेकशॉ खड़े थे। वहाँ पाकिस्तानी बंधकों के लिए की गयी व्यवस्था के बारे में पूछने के बाद सैम बहादुर ने पाकिस्तानी विधवाओं को ढाँढस बँधाया, उनके द्वारा बनाया हुआ भोजन चखा, और सबसे मिले जुले।
जब वे जाने लगे तो सूबेदार मेजर ने उनसे कुछ कहने की अनुमति मांगी। सूबेदार मेजर ने कहा – “मुझे अब मालूम चला कि भारत युद्ध क्यों जीता। वह इसलिए क्योंकि आप अपने सैनिकों का ख्याल रखते हैं। जिस तरह आप हमें मिलने आये, वैसे तो हमारे खुद के लोग हमसे नहीं मिलते। वो तो अपने आपको नवाबज़ादे समझते हैं। ”
कुछ ऐसे थे #फील्ड_मार्शल_सैम_मानेकशॉ, जो दुश्मनों को भी अपना कायल बना लेते थे।

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