हरिद्वार: कोविड के चलते उत्तराखंड सरकार इस साल भी कावड़ यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया है। सरकारों कोई भी कदम नहीं उठाना चाहती है जिससे की कोरोना बढ़े। कल से श्रावण मास शुरू हो जाएगा। प्रदेश सरकार कांवड़ यात्रा स्थगित कर ही चुकी है। जिले में कांविड़यों की आमद न हो इसको लेकर पुलिस ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। आज शनिवार से जिले के सभी बॉर्डर पर सख्ती हो गई है। वहीं आज होने वाले गुरु पूर्णिमा स्नान पर्व को लेकर भी सख्ती की जा रही है।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे में कांविडए जिले में प्रवेश न करें। उनके लिए रणनीति तैयार की गई है। कांवड़ियों को बॉर्डर से ही वापस लौटाया जाएगा। वहीं ट्रेनों व बसों में भी सख्ती की जाएगी। इसके अलावा जिले के सभी बॉर्डर को आज से सील कर दिया गया है।

धर्मनगरी में आने वाले लोगों को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथलि अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि 900 से अधिक पुलिसकर्मी जिले के बॉर्डर, गंगा घाटों व अन्य सार्वजनिक जगहों पर तैनात किए गए हैं। इसमें पीएसी की भी 10 कंपनी हैं।

उन्होंने बताया कि हरिद्वार-नजीबाबाद चिड़ियापुर बॉर्डर पर एसआई 1, आरक्षी 8 व एक प्लाटून पीएसी की लगाई गई है। वहीं नारसन बॉर्डर पर दिन-रात में 4 एसआई, 21 पुलिसकर्मी, व एक प्लाटून पीएसी की तैनात की गई है। इसके साथ ही मंडावर में 4 एसआई, 13 पुलिसकर्मी, व पीएसी का डेढ़ प्लाटून तैनात है।

काली नदी पुल पर 2 एसआई, 14 पुलिसकर्मी, व डेढ़ प्लाटून पीएसी लगाई गई है। भूपतवाला में 4 एसआई, 9 पुलिसकर्मी, व एक प्लाटून पीएसी लगाई गई है। वहीं पुरकाजी में खानपुर बॉर्डर पर 2 एसआई, 8 पुलिसकर्मी व पीएसी की एक प्लाटून तैनात है।

शुक्रवार को श्यामपुर बॉर्डर से कांवड़ियों के पांच वाहन लौटाए गए हैं। नारसन, चिड़ियापुर, श्यामपुर, भगवानपुर से 120 वाहनों को वापस लौटाया गया। ये लोग हरिद्वार आ रहे थे और इनके पास आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट नहीं थी। बॉर्डर पर जब वाहन स्वामियों से टेस्ट करवाने के लिए कहा गया तो उन लोगों ने मना कर दिया। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि कांवड़ियों के सीमा पर प्रवेश करने पर उनके खिलाफ आपदा अधिनियम का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

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