देहरादून: कोरोना महामारी के चलते रोडवेज व कमर्शियल घाटे में चल रही है। और यह भी माना जा रहा था कि रोडवेज का किराया बढ़ सकता है लेकिन अब सरकार फिलहाल किराया बढ़ाने के मूड में नहीं है।
उत्तराखंड में रोडवेज और कमर्शियल गाड़ियों के किराए में बढोत्तरी की कसरत को सरकार रोकने जा रही है। सरकार के इस फैसले के पीछे यूपी में किराया न बढ़ाने को भी बडी वजह बताया जा रहा है। वर्तमान में दोनों राज्यों की रोडवेज का किराया करीब करीब बराबर है। यदि उत्तरखंड की बसों का किराया बढ़ता है तो राज्य रोडवेज को नुकसान हो सकता है। दूसरा चुनावी साल होने की वजह से सरकार इस प्रस्ताव पर निर्णय लेने के पक्ष में नहीं है शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसके स्पष्ट संकेत दिए।
उन्होंने बताया कि यदि यूपी में रोडवेज का किराया बढ़ता तो राज्य भी किराया बढ़ाने पर विचार कर सकता था। लेकिन यूपी किराया नहीं बढ़ा रहा है, इसलिए राज्य भी इस विचार को फिलहाल रोक रहा है। कोरोना संक्रमण की वजह से सवारियां घटने और डीजल का मूल्य लगातार बढ़ने की वजह से ट्रांसपोर्ट सेक्टर सरकार पर टैक्स माफ करने और किराया बढ़ाने की छूट मांग रहा है। ट्रांसपोर्टर के दबाव में सरकार ने दून के आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई है। यह कमेटी ट्रांसपोर्टर के सुझावों के आधार पर एक प्रारंभिक खाका भी तैयार कर चुकी है।