उत्तराखंड की राजनीति में परिवारवाद कोई नई बात नहीं है भारतीय जनता पार्टी के परिवार के सबसे ज्यादा लोग राजनीतिक दलों और सरकारों में है हालांकि चाल चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद पर लगातार भाषण बाजी करती रही है किंतु हकीकत यह है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य को एक साथ विधानसभा का टिकट देकर चाल चरित्र और चेहरे की कहावत को चरितार्थ कर दिया था।


आज चनकपुर पुल के पास बने राजा जगत देव सामुदायिक भवन मे उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री  यशपाल आर्य जी की धर्मपत्नी  पुष्पा_आर्य जी के साथ ने सँयुक्त रूप से बुक्सा जनजाति की मातृशक्ति को सम्बोधित किया।


इसी के साथ प्रदेश में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या यशपाल आर्य अपने बेटे संजीव आर्य को नैनीताल से विधायक बनाने और खुद बाजपुर से विधायक बनने के बाद सूबे की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद अब अपनी पत्नी को भी राजनीति में लांच करने जा रहे हैं।

देखना है कि आने वाले दिनों में यशपाल आर्य की पत्नी क्या वास्तव में सक्रिय रुप से किसी बड़े मंच पर दिखाई देती है या भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद का रोना रोते हुए कोई नया भाषण देती है

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