देहरादून: उत्तराखंड से बड़ी खबर मिली है। नैनीताल हाईकोर्ट ने दरोगा रैंकर्स भर्ती परीक्षा के परिणाम पर रोक लगा दी है। ऐसे में लंबे समय से अंतिम परिणाम का इंतजार कर रहे जवानों को झटका लगा है। इसके साथ ही साथ ही सीधी भर्ती से दरोगा और कांस्टेबल भर्ती की तैयारी करने वाले बेरोजगार युवा भी निराश हुए है।

दरअसल, हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फरवरी 2021 में हुई दरोगा पदोन्नति परीक्षा का परिणाम घोषित करने पर रोक लगाई है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष कांस्टेबल आशीष त्यागी की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि, फरवरी 2021 में कांस्टेबल से एसआई/प्लाटून कमांडर पद पर पदोन्नति के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने परीक्षा कराई थी। आयोग ने इस लिखित परीक्षा की दो बार आंसर-की जारी की। पहली आंसर-की में दिए गए प्रश्नों का उसने सही उत्तर दिया था, लेकिन दूसरी आंसर-की में उसके एक सवाल को गलत बताया गया। जब उसने आरटीआई के तहत पुलिस भर्ती केंद्र नरेंद्रनगर और अन्य से जानकारी मांगी तो उसका जवाब सही था। जिसके बाद उसने कोर्ट में याचिका दायर की।

याचिकाकर्ता का कहना था कि, यदि इस पदोन्नति परीक्षा का परिणाम घोषित होता है और सफल उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है तो याचिकाकर्ता के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पदोन्नति परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ने वह प्रश्न भी बताया है, जिसका दूसरी आंसर-की में गलत उत्तर दिया गया है यह कहा प्रश्न था कि, “गार्ड की ताकत क्या है?” और याचिकाकर्ता ने इसका जवाब दिया था- “एक हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल।” यही उत्तर आरटीआई में भी सही बताया गया है।

वहीं रैंकर्स भर्ती परीक्षा के परिणाम पर रोक के साथ ही सीधी भर्ती से दरोगा और कांस्टेबल भर्ती की तैयारी करने वाले बेरोजगार युवाओं का भी इंतजार और लंबा हो गया है। दरअसल पुलिस मुख्यालय ने पूर्व में साफ किया था कि, रैंकर्स भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, लेकिन रैंकर्स भर्ती परीक्षा के परिणाम पर रोक लगने से अब सीधी भर्ती में भी देरी होना निश्चित है।

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