देहरादून:  BJP हमेशा से अनुशासन का दम भरती आई है। हालांकि उत्तराखंड में भाजपा के विधायक ही इस दावे को तार तार किया और भाजपा संगठन के ठेंग दिखाया। फिर चाहे वो खानपुर से विधायक प्रणव चौंपियन हों या रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल।
सीएम पुष्कर धामी के कार्यक्रम से ठीक पहले भड़क उठे वो भी मंत्री धन सिंह रावत के साथ आए जिला पंचायत सदस्य को लेकर। उन्होंने धन सिंह रावत के साथ खड़े कार्यकर्ता को औकात में रहने की बात तक कह डाली। हैरानी की बात यह है कि इस दौरान मौके पर मौजूद मंत्री धन सिंह रावत खामोश रहे और एक शब्द नहीं बोले।

रायपुर डिग्री कॉलेज में सीएम पुष्कर धामी का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पहले भाजपा के विधायक और कार्यकर्ताओं में जबरदस्त भिड़ंत हो गई। बता दें कि रायपुर में डिग्री कॉलेज के भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पहुंचने से चंद मिनट पहले रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ अपने ही कार्यकर्ताओं पर भड़ास निकालते हुए नजर आए। इस दौरान उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत चुप रहे। रायपुर विधायक उमेश काऊ ने धन सिंह रावत के साथ खड़े कार्यकर्ता को देखते हुए कहा कि इसे कार्यक्रम में किसने बुलाया।

विधायक उमेश काऊ ने कार्यक्रम को छोड़ने तक की धमकी दे दी साथ ही यहां तक कहा कि वह जिन कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हैं यदि वह उनके साथ रहेंगे तो वह कार्यक्रम छोड़कर चले जाएंगे। भाजपा विधायक और कार्यकर्ता ने जिस तरह से एक दूसरे से बात की वो कहीं से भी अनुशासित नहीं लगा। हैरानी इस बात की है कि मंत्री धनसिंह रावत ने दोनों को रोकने की कोशिश नहीं की।

जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह का कहना है कि विधायक जिस तरीके से अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। उससे कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिर रहा है। एक विधायक को यह शोभा नहीं देता कि वह अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को इस तरीके से धमकाएं। धन सिंह रावत से उमेश शर्मा काऊ शिकायत करते हुए नजर आए कि यह मुझे अपना विधायक नहीं मानते हैं और इस क्षेत्र में जो भी पोस्टर लगते हैं। उनको यह फाड़ देते हैं।

एक ओर भाजपा 2022 का चुनाव जीतने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है और सीएम पुष्कर धामी लोगों के बीच जाकर उनकी समस्या सुन रहे हैं और मदद कर रहे हैं लेकिन उनकी मेहनत पर विधायक और कार्यकर्ता पानी फेर रहे हैं। हाईकमान तक ये बात पहुंचने पर क्या एक्शन लिया जाएगा ये देखने वाली बात होगी।

दरअसल, इस पूरे मामले में पीछे की स्क्रिप्ट काफी पहले से खिली जा रही है। अनुशासन के नाम पर हाल ही में भाजपा ने ऋषिकेश मेयर और कुछ नेताओं को नोटिस थमाया था, लेकिन, पिछले दिनों भाजपा के देहरादून जिले के कई पदाधिकारियों ने दो-तीन बार विधायक काऊ के विरोध में बैठकें की थी। उस मामले में किसी भी कार्यकर्ता या पदाधिकारी को नोटिस नहीं दिया गया। यही बात काऊ कह भी रहे थे कि ये वहीं लोग हैं, जो उनके खिलाफ लगातार बैठकें कर रहे हैं।

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