Tokyo Paralympics 2020: टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत इस साल शानदार प्रदर्शन कर रहा है जिसमें अबतक 16 मेडल देश के नाम आ चुके हैं। आज रविवार को भी बैडमिंटन में गोल्ड मेडल के लिए एक मैच खेला जाएगा जिसके लिए भारतीय खिलाड़ी सुहास यथिराज (Suhas L Yatiraj) ने क्वालीफाई कर लिया है। आपको बता दें कि सुहास न केवल बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, बल्कि वह नोएडा के डीएम भी हैं जो देश की सेवा करने के बाद, अब विदेशी सरजमीं पर भी भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं।

बता दें कि सुहास देश के पहले IAS अफसर हैं जो टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनका जन्म कर्नाटक के छोटे से शहर शिगोमा में हुआ था। पांच साल की उम्र में ही पैर खराब होने के बावजूद, उन्हें खेलकूद में काफी दिलचस्पी थी। शुरुआती पढ़ाई गांव में होने के बाद, सुहास ने सुरतकर शहर से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में कम्प्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग पूरी की। चूंकि पिता का नौकरी के कारण ट्रांसफर होता रहता था, इसलिए सुहास की पढ़ाई भी कई शहरों में हुई। फिर कंप्यूटर इंजिनियरिंग करने के बाद उन्होंने बैंगलोर की एक कंपनी में काम करना शुरू कर दिया

भले ही, सुहास के पास नौकरी थी, लेकिन वह देश की सेवा करना चाहते थे। यही कारण है कि उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। वह अपने सपने को लेकर इतना गंभीर थे कि साल 2005 में पिता की मौत का झटका झेलने के वाबजूद, वह अपने लक्ष्य से भटके नहीं और UPSC की तैयारी करते रहे। इसी मेहनत और लगन के चलते वह फिर साल 2007 में यूपी कैडर से IAS अधिकारी बन गए।

UPSC पास होने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई और फिर वह जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस , महाराजगंज प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बनें। चूंकि उन्हें बचपन से ही बैडमिंटन और क्रिकेट जैसे खेलों में रुचि रही है इसलिए वह ड्यूटी खत्म होने के बाद अक्सर बैडमिंटन खेलते थे। फिर धीरे-धीरे उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से खेलना शुरू कर दिया और 2016 में उन्होंने इंटरनेशनल मैच खेला। 6 बार गोल्ड और एक बार सिल्वर जीत चुके सुहास इन दिनों टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

सुहास की कहानी सभी के लिए, खासतौर पर युवाओं के लिए काफी प्रेरणादायक है जो जिंदगी की कठिनाइयों के आगे आसानी से हार मान लेते हैं। 38 साल के युवा जिलाधिकारी ने न केवल कुर्सी पर बैठते हुए देश की सेवा की, बल्कि अपनी कमजोरी को ताकत बनाते हुए वैश्विक स्तर पर भी तिरंगा लहरा दिया है।

अब वह पैरालंपिक में इतिहास बनाने की राह पर हैं। बता दें कि सुहास एसएल4 श्रेणी में फिलहाल विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने शनिवार को सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने से पहले ग्रुप चरण तीन मैच खेले हैं। उन्होंने पहले दो मैचों को 20 मिनट से भी कम समय में अपने नाम कर लिया और इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21-9, 21-15 से हरा दिया। अब उनका सामना रविवार सुबह फ्रांस के लुकास माजूर से होगा और अगर वह इसमें जीत जाते हैं तो वह पैरालंपिक में मेडल जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी के रूप में इतिहास बनाएंगे।

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