उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के गांव हसनपुर में रामलीला का मंचन हो रहा था। रामलीला में दशरथ की भूमिका राजेंद्र सिंह निभा रहे थे. राम के वन गमन का दृश्य था। इसी दृश्य में राजा दशरथ भगवान राम के वन जाने के बाद उनके वियोग में व्याकुल होते हैं। राम के वियोग में दशरथ ने प्राण त्याग दिया। दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह ने वास्तव में स्टेज पर ही प्राण त्याग दिए थे।
हुआ ये कि राम के वियोग में दशरथ के प्राण त्यागने के बाद पर्दा गिर गया लेकिन दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह नहीं उठे। सहयोगी कलाकार पर्दा गिरने के बाद भी न उठने पर राजेंद्र सिंह के पास पहुंचे। सहयोगी कलाकारों को पास पहुंचने पर इस बात का एहसास हुआ कि दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह ने राम के वन जाने के बाद उनके वियोग में मंच पर ही वास्तव में अपने प्राण त्याग दिए।
बताया जाता है कि ये घटना है बिजनौर जिले के गांव हसनपुर की जहां 2 अक्टूबर से रामलीला का मंचन हो रहा था। 14 अक्टूबर को राम के वन गमन के दृश्य का मंचन हो रहा था। इसी दौरान दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह ने अभिनय करते-करते भगवान राम के वियोग में वास्तव में मंच पर ही प्राण त्याग दिए और निर्जीव पड़े रहे।
दृश्य की समाप्ति पर पर्दा गिर गया। राजेंद्र सिंह को उठकर मंच से चले जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। साथी कलाकार राजेंद्र सिंह को उठाने पहुंचे तो पता चला कि राजेंद्र सिंह ने सच में अपने प्राण त्याग दिए हैं। इस घटना के बाद रामलीला में शोक छा गया। रामलीला देखने पहुंचे दर्शकों की आंखों में भी आंसू आ गए। राजेंद्र सिंह पिछले 20 साल से इस रामलीला में राजा दशरथ का रोल अदा करते चले आ रहे थे और उनका अभिनय इतना सजीव था कि लोग भाव विभोर हो जाते थे।