देहरादून: उत्तराखंड सरकार की ओेर से देवस्थानम बोर्ड भंग करने को लेकर कोई सकारात्मक कार्यवाही न करने पर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।

तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को संपूर्ण गंगोत्री धाम बंद रख विरोध दर्ज कराया। केदारनाथ धाम के दर्शनों को गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को सोमवार को केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। तीर्थ-पुरोहितों ने पूजा-पाठ करने से भी मना कर दिया। देश-विदेश से गंगोत्री धाम में दर्शन को पहुंचे तीथ-यात्रियों को फजीहत भी झेलनी पड़ी।

आपको बता दें कि रविवार को गंगोत्री धाम में श्री पांच मंदिर गंगोत्री समिति, तीर्थ पुरोहितों, हकहकूक धारियों तथा स्थानीय व्यापारियों की एक बैठक संपंन हुई थी। जिसमें सभी तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं हकहकूक धारियों ने देवस्थानम बोर्ड भंग न होने पर नाराजगी व्यक्त की। तीर्थ पुरोहितों ने कहा था कि प्रदेश सरकार की ओर से गत 11 सितंबर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई वार्ता में 30 अक्टूबर तक देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने का निर्णय लिया जाने की बात हुई थी।

लेकिन उसके बाद भी अभी तक कोई सकारात्मक कार्यवाही प्रदेश सरकार की ओर से की गई है। जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और एक नवंबर को संपूर्ण गंगोत्री बंद रखने का निर्णय लिया। जिसमें गंगोत्री धाम के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने के साथ ही नदी तटों सहित किसी भी प्रकार की पूजा पाठ का कार्य नहीं करने तथा जनआक्रोश रैली निकालने का निर्णय लिया।

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