देहरादून: लंबे समय से कांग्रेस से दूर होकर चल रहे पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को हरीश रावत ने घसियारी योजना के बहाने तगडा जवाब दिया । किशोर उपाध्याय अमित शाह द्वारा घसियारी योजना रिबन काटने के बाद भाजपा की हां मे हां मिला रहे थे । अब हरीश रावत ने इस प्रकार जवाब दिया

#घसियारी संबोधन पर उठी आपत्ति के बाद सवाल किया जा सकता है कि हमने इस क्षेत्र में क्या कदम उठाया! हमने दुग्ध बोनस और दुग्ध समितियों को सक्षम बनाने के लिए उनको चीज बनाने से लेकर पनीर आदि तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया और चारा सुगमता से सुलभ हो इसलिये हमने चौड़ी पत्ती के वृक्ष जो चारा प्रजाति के हैं, जैसे भीमल, खड़क, गेठी आदि पर वृक्ष बोनस योजना शुरू की। वृक्ष की 3 साल तक रक्षा करने पर ₹300 प्रति वृक्ष बोनस उपलब्ध करवाया। हमने कालसी में चाटन भेली योजना प्रारंभ की और हर जिले में एक चाटन भेली प्रोजेक्ट लगाने जिसमें सीरे के साथ पौष्टिक तत्वों का समावेश कर घास और भूसे के ईट बनाकर उनको उपलब्ध करवाया और उस पर सब्सिडी दी, आज भी सरकार करेगी तो यही करेगी जो हमने प्रारंभ किया, मगर नाम घसियारी दिया। मेरी माँ गृह लक्ष्मी थी, मेरी माँ अन्नपूर्णा थी, मेरी माँ सृष्टि पालक थी, लेकिन अपने घर के गाय-भैंसों के लिए घास भी लाती थी, कपड़े भी धोती थी, घर का झाड़ू वगैरह भी करती थी और दूसरे सब पारिवारिक काम करती थी। मगर उसको कोई ऐसा संबोधन नहीं दिया गया, किसी ने हिम्मत नहीं कि जो उसकी अवमानना करता। यदि मेरे किसी दोस्त को मेरे इस विरोध में कुछ तकलीफ पहुंच रही है तो वो स्वतंत्र हैं, जिस नाम से भी संबोधन करना चाहें लेकिन मैं तो अपनी माँ को देवी, लक्ष्मी, अन्नपूर्णा आदि स्वरूपों में ही देखता हूंँ और उसी नाम से संबोधित भी करता हूंँ, चाहे मन ही मन में करता हूंँ।

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