देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारनाथ धाम में दर्शन से रोकना नागवार गुजरा है। उन्होंने कहा कि इसे ऐसा नहीं होना चाहिए। बाबा केदार सभी को क्षमा करते हैं। साथ ही कहा कि भाजपा सरकार अहंकार के कारण देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं कर रही है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर यह कार्य किया जाएगा।

मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ गुस्सा स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए। सरकार के इस कदम के विरोध में जनता सबक सिखाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने कांग्रेस में सेंधमारी की तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा। 2016 में भाजपा ने सेंधमारी की स्क्रिप्ट लिखी थी। अब विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ऐसी किसी भी कोशिश पर पलटवार करेगी। भाजपा में भगदड़ की नौबत है।

हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर फिर प्रहार किया। उन्होंने शाह पर उनकी राजनीतिक हत्या करने का आरोप लगाया। देहरादून में बीते दिनों जनसभा में शाह के संबोधन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि शाह ने उन्हें दो चुनौती दी हैं। इनमें से एक में धमकी भी छिपी है। अपने स्टिंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह गंगा किनारे के गोल पत्थर हैं। लुढ़क सकते हैं। दूर तक घिसटते हुए मिट्टी में मिल सकते हैं, लेकिन टूट नहीं सकते।

उन्होंने अंदेशा जताया कि उन्हें सीबीआइ के माध्यम से तोडऩे का प्रयास किया जा सकता है। उन्हें जेल में भी डाला जा सकता है। उनके साथ उत्तराखंड और भगवान केदार न्याय करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका और एक भाजपा का स्टिंग, दोनों स्टिंग एक ही व्यक्ति ने किए हैं। शाह को यह मालूम है। उन्होंने भाजपा को दोनों स्टिंग दिखाने की चुनौती दी।

 

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