देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दीपावली के दिन सोशल मीडिया के माध्यम से एक भावुक पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए दीपावली का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि

घर में आधा किलो तेल भी नहीं था जिससे मां कोई पकवान पका पाती। दुकानदार ने उधार देने से मना कर दिया। फिर दीवाली यूं ही मनाई। दीपावली की खुशियों के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अपने जीवन का एक मार्मिक प्रसंग साझा करते हुए गरीब बच्चों के साथ दीवाली मनाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते तोहफे में काफी सारी मिठाइयां मिली है। आज शाम उन्हें इन मिठाइयों के असली हकदार बच्चों के साथ ही मनाऊंगा। सोशल मीडिया पर गोदियाल ने अपने भावुक अंदाज में अपने बचपन का एक किस्सा साझा किया।

गोदियाल ने लिखा कि घर में चूल्हा जलने की स्थिति ना हो और आपके सामने दिवाली मनाने की रस्म भी निभानी पड़े तो कितने अंतर्द्वंद से गुजरना पड़ता है, यह मेरा मन अच्छी तरह से जानता है। वर्ष 1977 की बात है। 10 वर्ष की उम्र की उस दिवाली में मां ने कहा यदि आधा किलो तेल होता तो आधे किलो स्वाले(पूरी) बना सकते थे। मैंने कहा मैं लाता हूं ,तेल रखने का डब्बा लेकर मैं दुकान में गया। दुकानदार से गुहार लगाई कि आधा किलो तेल दे दो, पैसे हम बाद में दे देंगे। लेकिन गुहार का कोई फायदा ना हुआ और मन मार के वापस आ गया बिना तेल लिए।

गोदियाल ने आगे लिखा कि खैर 1977 से कई दिवाली आई और चली गई पर आज तक मुझे दिवाली चिढ़ाती ही है। यह सोच कर कि न जाने कितने बच्चे अभाव में जिंदगी जी रहे होंगे। यह सोच कर कि मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सकता। यह सोचकर कि काश उन्हें भी दिवाली में खेल खिलौने का अवसर मिलता। आज मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष हूं और मुझे बहुत सारी मिठाईयां तोहफे में मिली हैं।इसलिए इन मिठाइयों के असली हकदार ऐसे तमाम बच्चों के साथ शाम 5:00 बजे इन तोहफों में प्राप्त मिठाइयों का सदुपयोग करूंगा। गोदियाल ने कहा कि जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।

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