चार साल पहले मयंक मेरे जीवन मे सुबह की पहली किरण की तरह आये । वो मेरी एक सहकर्मी के ” फौजी Cousin ” थे , और पहली ही मुलाक़ात में उन्होंने मुझसे कहा , एक दिन तुम Mrs Vishnoi बनोगी …… मैंने बात हंसी में टाल दी ।
पर मयंक सीरियस थे । उसके बाद जब भी मिलते , वो मुझे Mrs Vishnoi ही बुलाते थे । मैं हालांकि यही कहती – तुम पागल हो …. पर मैं उसकी तरफ खींची चली जा रही थी ।

हम रोज़ाना , रात भर फोन पे बतियाते थे ।
मयंक उन दिनों Infantry में Captain थे और देहरादून में पोस्टेड थे । मैं दिल्ली में थी । वो हर शनिवार मुझसे मिलने दिल्ली आता । सिर्फ दो घंटे की मुलाक़ात के लिये 10 घंटे drive करता । मयंक के साथ रहना किसी स्वप्नलोक में विचरने जैसा था । कभी अचानक मेरे Birthday पे surprise देना तो कभी अचानक – चल नेपाल चलें । He was the king of Grand Gestures ……
पर मयंक के साथ जुड़े रहना इतना आसान भी न था ।
ऐसी ऐसी जगह duty लग जाती जहां Network न होता तो महीनों मुलाक़ात तो क्या बात तक न हो पाती ।
एक दिन मैंने उसे Surprise दिया । उससे मिले दो महीने हो चुके थे । उस दिन उसका Birthday भी था । मुझे देखते ही उसने गले लगा लिया – बोला , तुम्हें देख लिया , बर्थडे बन गया ।
और फिर मेरे बर्थडे वाले दिन , उसने सभी Friends और Family के सामने , घुटनों पे बैठ के मुझे propose किया …..Mrs Vishnoi शादी करले ….. और फिर चट मँगनी पट ब्याह हुआ और मैं Mrs Vishnoi बन गयी …….
मुझे याद है , पंडित जी विवाह के मंत्र पढ़ रहे थे और हम फेरे ले रहे थे , तो मयंक के संकल्प निराले ही थे …… राष्ट्र प्रथम …..
एक समय ऐसा भी आ सकता है जब शायद मैं लौट के न आऊं , या तिरंगे में लिपट के आऊं ……. तुम एक फौजी पत्नी हो , ये हमेशा याद रखना …… जब वो ऐसी बातें करता , मैं परेशान हो जाती ।


मुझे पता था मैंने किस दुनिया मे कदम रखा है ।
मयंक के साथ जीवन बेहद आनंददायक था । मैं उसके साथ उसकी posting पे गयी । हमने अपनी छोटी सी गृहस्थी बसाई । एक साल बाद वो Major बन गए और उनकी posting काश्मीर में शोपियाँ में हो गयी । ये आतंक का गढ़ था ।
मैं हमेशा परेशान रहती । News से तो हमेशा दूर ही रहती ।
मयंक मेरा ध्यान रखते । मौका निकाल के Birtdays और Anniversaries पे भी आते । शादी को बेशक़ 4 साल हो चले थे , पर Border पे जाते पति को Goodbye बोलना आसान नही होता ।
एक बार छुट्टी आये । जाने लगे तो बोले , Lets make a Family …… I wanna be a Dad ……
फिर उसके बाद कभी नही आये । सिर्फ उनकी खबर आई ।
Sir के सिर में गोली लगी है …… मेरी तो दुनिया ही उजड़ गयी ।
ये कैसे हो सकता है …… आज सुबह ही तो बात हुई थी …..
मैं भागी भागी श्रीनगर पहुंची …. वो Coma में थे …..
उन्हें देख मैं टूट गयी …… Doctor ने बताया , He’s Brain Dead …… मैं उनसे बातें करती …… मुझे लगता , ये शायद मेरे लिये ही लौट आएं …..जीवन मृत्यु का संघर्ष 15 दिन चला । अंत मे मैंने उनसे कहा , I Love you and I’m proud of You …… Please Rest now …… और मयंक चले गए …… उनके अंतिम संस्कार में उनकी पूरी battalion शामिल हुई । अदम्य साहस और शौर्य के लिये उन्हें सेना Medal मिला ।

आज उन्हें गये 2 महीने हो गये । पर मुझे अब भी नही लगता कि वो चले गये , हमेशा के लिये । मुझे लगता है एक और posting हुई है ….. मैं उनकी यादें संजोती हूँ ।
उनके करीब रहने की कोशिश करती हूँ । कभी उनकी घड़ी पहन के तो कभी उनकी वर्दी पहन के सोती हूँ ….. उससे उनकी खुशबू आती है । मुझे लगता है उनसे लिपट के सोई हूँ …..
अब मैं उनकी मृत्यु का शोक नही करती ।
मुझे उनपे गर्व होता है ।
मैंने उनसे सीखा कि अपने देश से और किसी व्यक्ति से टूट के प्यार कैसे किया जाता है …… Unconditional Love .

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