बागेश्वर: कोतवाली पुलिस क्षेत्र के अंतर्गत धमोली गांव में लगी आग पर दमकल विभाग ने सात घंटे बाद काबू पाया, लेकिन तब तक ग्रामीणों के करीब 45 सूखे घास के ढेर जलकर राख हो गए। पशुपालकों को करीब एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है। अब उनके सामने चारे का संकट गहरा गया है। उन्होंने प्रशासन से आपदा मद में मदद की मांग की है।

मालूम हो कि मंगलवार को चौगांवछीना से धमोली गांव में एकदिनी बारात गई थी। वहां आतिशबाजी के दौरान एक रॉकेट घास के ढेर में चला गया और देखते ही देखते आग ने आसपास के घास के ढेर को अपने आगोश में ले लिया। इस दौरान बारातियों और घरातियों में भी तनाव की स्थिति पैदा हो गई। लोगों ने स्थिति को किसी तरह काबू किया।

शाम सवा चार बजे करीब आपदा कंट्रोल रूम में इसकी शिकायत दर्ज की गई। सूचना के बाद अग्नशमन अधिकारी महेश चंद्रा फायर युनिट के सहित घटनास्थल रवाना हुए। रवाईखाल मुख्य सड़क से घटनास्थल जाने के लिए कच्चा रास्ता था। इस कारण पानी से भरा वाहन सड़क पर भी खड़ा हो गया। छोटे वाहन को लेकर तीन किमी आगे बढ़े।

यहां से दो किमी पैदल चलकर घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की मदद से आग पार सात घंटेबाद काबू पाया। आग बुझाने वालों में दमकल विभाग के महेंद्र सिंह, चंद्र राम, सूरज सिंह, राजेंद्र तिरुवा, सुखदेव सिंह तथा सुशील कुमार शामिल थे। ग्रामीणों का कहना है कि एक लाख से अधिक का चारा जल गया है। क्षेत्र में सूखी घास अब मिल भी नहीं रही है। प्रशासन से पशुपालकों को आपदा मद में मदद की मांग की है।

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