देहरादून: पिछले पांच सालों से सरकारी नौकरी के लिए भटक रहे शहीद संदीप सिंह रावत का परिवार अब धरने पर बैठने का निर्णय लिया है। रविवार को गांधीपार्क के सामने शहीद का परिवार धरने पर बैठेगा। पूर्व सैनिक भी इस परिवार के समर्थन में शामिल होंगे।

शहीद संदीप सिंह रावत की मां आशा देवी ने कहा कि सरकार ने परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। बड़े बेटे दीपक सिंह रावत पिछले पांच साल से नौकरी के लिए भटक रहे हैं। मां ने कहा कि सरकार एक ओर शहीद सम्मान यात्रा निकाल रही है।

वहीं दूसरी ओर एक शहीद का परिवार सरकारी कार्यालयों का चक्कर पर चक्कर काट रहा है। बावजूद मुख्यमंत्री व मंत्री इस परिवार की पीड़ा नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे रविवार को गांधी पार्क के सामने धरने पर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बैठेंगी।

संदीप सिंह रावत अक्टूबर 2016 में जम्मू कश्मीर के टांग धार में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे उनके शहीद होने के बाद सरकार ने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था। बकायदा इसके लिए लिखित आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन 5 साल शहीद संदीप सिंह रावत की मां आशा देवी और बड़ा भाई दीपक सिंह रावत इधर से उधर चक्कर काट रहे हैं लेकिन केवल आश्वासन के सिवाय उन्हें आज तक कुछ नहीं मिला संदीप की मां ने कहा कि एक ओर से सरकार शहीद सम्मान यात्रा निकाल रही है वहीं दूसरी ओर एक शहीद का परिवार सरकारी कार्यालयों का चक्कर पर चक्कर काट रहा है। बावजूद मुख्यमंत्री व मंत्री इस परिवार की पीड़ा नहीं समझ रहे हैं । उन्होंने कहा है कि वे रविवार को गांधी पार्क के सामने धरने पर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बैठेंगे।

अब देखना है कि पूरे प्रदेश में शहीदों के सम्मान में यात्रा निकाल रही बीजेपी सरकार क्या इस शहीद परिवार की ओर ध्यान देती है या फिर मजबूरन शहीद परिवार को धरने पर बैठना पड़ेगा यह बड़ा सवाल होगा

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