नैनीताल : 2016 में भाजपा की ओर से विधानसभा घेराव के दौरान लाठी की चोट से जख्मी और बाद में उपचार के दौरान पुलिस के शक्तिमान घोड़े की मौत का मामला फिर हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस केस में सीजेएम कोर्ट देहरादून से बरी मसूरी विधायक व वर्तमान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी मसेत पांच आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को पिथौरागढ़ निवासी पूर्व सैनिक ने याचिका दायर की है। साथ ही निचली अदालत से इस केस की पत्रावली दिलाए जाने की मांग की गई है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ ने मामले में सरकार से 28 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 28 फरवरी को ही होगी।

पिथौरागढ़ निवासी पूर्व सैनिक होशियार सिंह बिष्ट ने याचिका दायर कर कहा है कि 14 मार्च 2016 को विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा की ओर से विस घेराव कार्यक्रम आयोजित किया गया था। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को रिस्पना नदी पर रोक लिया था। उस समय वहां घुड़सवार पुलिस भी तैनात थी। झड़प के दौरान पुलिस के शक्तिमान नाम के घोड़े की टांग टूट गयी। बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में मसूरी विधायक गणेश जोशी, प्रमोद बोरा, जोगेंद्र सिंह पुंडीर, अभिषेक गौड़ और राहुल रावत के खिलाफ आइपीसी व पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

आरोपितों को जेल भी भेजा गया। 16 मार्च 2016 को आरोपितों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट देहरादून में चार्जशीट दाखिल भी की गई। 2017 के चुनाव में सत्ता परिवर्तन हो गया तो भाजपा सरकार की ओर से केस वापस लेने के लिए कोर्ट में दो बार प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोर्ट ने केस वापस नहीं किया। कुछ समय बाद आरोपितों को जमानत मिल गई। 23 सितंबर 2021 को सीजेएम कोर्ट देहरादून ने मसूरी विधायक व वर्तमान में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी समेत पांचों आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

याचिकाकर्ता का कहना है कि आरोपितों ने पशुक्रूरता की थी। उनके खिलाफ सुबूत थे और पुलिस ने वीडियोग्राफी भी की थी। निचली अदालत ने इन तथ्यों की अनदेखी की है। लिहाजा मामले को फिर से खोला जाए। याचिका में सीजेएम कोर्ट देहरादून से केस की पत्रावली दिलाने की प्रार्थना भी की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने से पूर्व सीजेएम कोर्ट में पत्रावली देने को लेकर प्रार्थना पत्र भी दिया गया था, लेकिन कोर्ट ने कह कहकर मना कर दिया कि वह इस केस में पक्षकार नहीं हैं।

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