नैनीताल : नैनीताल आरक्षित सीट पर आम आदमी पार्टी से हेम आर्य के टिकट घोषित होने के बाद सियासी जंग रोचक हो गई है। अब तक भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होने के मुकाबले ने आप ने हेम को उतारकर दोनों दलों की चिंता बढा दी है। ग्रामीण इलाकों में हेम को लेकर सहानुभूति की खूब चर्चा है।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने संजीव आर्य को टिकट दिया तो हेम ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और पांच हजार से अधिक वोट हासिल किए। जिसके बाद हेम ने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। हेम ने कांग्रेस की ओर से टिकट की प्रबल दावेदारी की लेकिन चुनाव से ठीक पहले संजीव ने पिता यशपाल आर्य के साथ कांग्रेस में वापसी कर ली। संजीव का तय टिकट देख हेम ने भाजपा में वापसी कर ली लेकिन भाजपा ने हेम के बजाय पूर्व विधायक सरिता आर्य को पार्टी में शामिल कर टिकट थमा दिया। इससे नाराज हेम ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर भावुक अपील की थी। भाजपा उम्मीद कर रही थी कि हेम नहीं उतरेंगे लेकिन एकाएक हेम ने आम आदमी पार्टी में शामिल होकर टिकट भी हासिल कर लिया। साथ ही नामांकन भी कर दिया।

 

अब इस सीट पर संजीव व सरिता के बीच आमने सामने की जंग अब त्रिकोणीय होने के आसार हैं। हेम के उतरने से अब तक बेतालघाट इलाके में मजबूत मानी जा रही कांग्रेस के सामने वोट बिखरने की चुनौती खड़ी हो गई है। लंबे समय से हेम बेतालघाट समेत विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय रहे हैं। गांवों में हेम को लेकर सहानुभूति भी उभर रही है। ऐसे में अब मुकाबला रोचक व दिलचस्प हो गया है। हेम ल उतरने से अब तक अल्पसंख्यक वोटों को लेकर निश्चिंत कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है।

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