प्रदेश की सबसे चर्चित सीट बनी टिहरी
किशोर उपाध्याय के लिए चुनाव सबसे ज्यादा मायने रखने वाला
कांग्रेस द्वारा सबसे आखिर मे जिस सीट पर प्रत्याशी घोषित किया गया वंहा मामला अभी त्रिकोणीय बना हुआ है । इससे मजेदार बात यह है कि यंहा त्रिकोणीय मुकाबला बनाने वाले कोई और नहीं नये पुराने कांग्रेसी ही हैँ। विधायकी की कुर्सी से दस साल से दूर रहे किशोर उपाध्याय ने सिर्फ कुर्सी के लिए कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा क्योकि कांग्रेस के टिकट पर उन्हे साक्षात हार दिख रही थी। किशोर दो बार कांग्रेस के टिकट पर सोनिया गांधी की रैली के कारण विधायक मंत्री और पार्टी अध्यक्ष बन सके थे ।
बाद मे दिनेश धनाई और सहदेव पुंडीर से हारने के बाद अब भाजपा से चुनाव लड़ रहे है। किशोर उपाध्याय को टिहरी से हराने वाले दिनेश धनाई पूर्व मे कांग्रेस मे रह चुके हैँ बाद मे कांग्रेस की हरीश रावत सरकार मे सहयोगी मंत्री रह चुके हैँ और यदि फिर जीत जाते हैँ तो नई सरकार के पास ही जाएंगे ।
किशोर उपाध्याय की जगह जिन्हे अब कांग्रेस ने टिहरी सीट से मैदान मे उतारा है धन सिंह नेगी ताज़ा ताजा कांग्रेसी हैँ । उन्हे किशोर के भागने का लाभ मिला है और वे चुनाव को त्रिकोणीय बनाये हुए हैँ।
किशोर और धन सिंह के जाख्नीधार ब्लॉक से होने से दिनेश धनाई को 2012 वाला परिणाम आने की उम्मीद है जब उन्होंने इन्ही दोनो से लड़ते हुए चुनाव जीत लिया था । धन सिंह को उम्मीद है कि इन दोनो को हराकर वे दूसरी बार विधायक बन जाएंगे ।बहरहाल इन तीनो नये पुराने कांग्रेसियों ने टिहरी मे चुनाव को रोचक बना रखा है सबको सबके साथ सबके विश्वाश की आशा है ।