देहरादून: कांग्रेस में हार पर मचे घमासान के बीच धारचूला विधायक हरीश धामी ने नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर दावा ठोक दिया। बकौल धामी, मैं तीन बार का विधायक हूं। युवा हूं, सैनिक का बेटा हूं और कांग्रेस का समर्पित सिपाही हूं। यदि हाईकमान मेरे नाम पर विचार नहीं करता तो मुझे भी भविष्य को लेकर विचार करना होगा।

धामी ने कहा कि वो सीमांत क्षेत्र के विधायक हैं। 2012 से लगातार तीन बार विधायक हैं। धामी ने निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पर इशारों इशारों में निशाना साधा। कहा कि एक ही व्यक्ति को मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता रहेगा तो क्या हम लोग केवल वोट डालने के लिए विधायक हैं? चुनाव के बाद पहली बार देहरादून आए धामी ने अपने तीखे तेवर से कांग्रेस में नई हलचल पैदा कर दी।

कांग्रेस के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कार्यकाल समय के लिहाज से जरूर सबसे कम रहा, लेकिन सक्रियता के मामले में गोदियाल ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अध्यक्ष के रूप में 236 दिन के कार्यकाल में गोदियाल ने कई ऐसे प्रयोग भी किए जिनकी बदौलत कांग्रेस को नई पहचान मिली।

 

पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद कांग्रेस में हुए सांगठनिक बदलाव के तहत गोदियाल को 22 जुलाई 2021 को कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी। उनके पूर्ववर्ती अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष की नई जिम्मेदारी मिली। ऐन चुनावी सीजन में अध्यक्ष बने गोदियाल के खाते में कई उपलब्धियां भी हैं तो कुछ कमियां भी उनके साथ जुड़ गई।

विधानसभा चुनाव में हार के बाद  प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल से इस्तीफा मांगने वाले प्रदेश सचिव महेश जोशी ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। गोदियाल के इस्तीफे की सूचना आने के बाद जोशी ने भी इस्तीफा भेज दिया। जोशी ने कहा कि गोदियाल एक अच्छे व्यक्ति, योग्य नेतृत्वकर्ता, प्रखर वक्ता ही। लेकिन उन्हे गलत समय पर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी।

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