देहरादून: चारधामों के दर्शन को रवाना होने से पहले तीर्थयात्री अब स्वयं भी फोटोमीट्रिक पंजीकरण कर सकेंगे। ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में स्थित पंजीकरण केंद्र में स्वचालिक 8 कियोस्क मशीने स्थापित की गई है। अभी तक फोटोमीट्रिक पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं को केंद्र कर्मियों पर निर्भर रहना पड़ता था।

हालांकि कोरोना संकट के चलते पिछले दो साल से चारधाम यात्रा रद्द रही है। इस बार स्थिति सामान्य होने पर चारधाम यात्रा की तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। यात्रा का आगाज 3 मई को होगा। चारधाम यात्रा के प्रवेशद्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश से देवधाम के दर्शन को रवाना होने से पहले तीर्थयात्रियों को फोटोमीट्रिक पंजीकरण अनिवार्य है।

लिहाजा चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में फोटोमीट्रिक पंजीकरण केंद्र में तैयारी होने लगी है। फोटोमीट्रिक पंजीकरण केंद्र भी दो साल बाद खुल रहा है।  इस बार फोटोमीट्रिक पंजीकरण की नई व्यवस्था रहेगी। केंद्र में कंप्यूटरीकृत 8 कियोस्क मशीन स्थापित कर दी गई हैं।

इस व्यवस्था से तीर्थयात्रियों को पंजीकरण के लिए कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी। वे खुद कियोस्क मशीन से फोटोमीट्रिक पंजीकरण कर सकेंगे। केंद्र प्रबंधक प्रेमअनंत ने बताया कि फोटोमीट्रिक पंजीकरण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बहरहाल अभी केंद्र खुलने की तिथि तय नहीं हुई है।
यह है पंजीकरण की प्रक्रिया

कियोस्क मशीन की स्क्रीन ऑन होते ही रजिस्ट्रेशन ऑप्शन आएगा। उसे क्लिक करते ही नाम, मोबाइल नंबर, पासवर्ड दर्ज करना होगा। इस प्रक्रिया के बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी नंबर आएगा। उसे दर्ज करने के बाद स्क्रीन पर व्यक्तिगत, परिवार का ऑप्शन आएगा। यदि आप अकेले यात्रा कर रहे हैं तो व्यक्तिगत ऑप्शन को क्लिक करेंगे। क्लिक करते कियोस्क मशीन के सामने लगा कैमरा ऑन हो जाएगा। फोटो शूट करने के बाद आपका स्वत: पंजीकरण हो जाएगा। इस प्रक्रिया में 10 मिनट लगेंगे।

हेंडल डिवाइस से भी पंजीकरण की सुविधा…

ऋषिकेश चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में स्थित फोटोमीट्रिक पंजीकरण केंद्र में इस बार हेंडल डिवाइस से तीर्थयात्रियों का फोटोमीट्रिक पंजीकरण की सुविधा भी रहेगी। हेंडल डिवाइस से पंजीकरण केंद्र में कार्यरत कर्मी करेंगे। इसके लिए अलग से काउंटर बनाया जाएगा।

जानें कब खुल रहे हैं कपाट….

कोरोनाकाल के बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा में इस साल 2022 में भारी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट 03 मई को खुलेंगे। रुद्रप्रयाग स्थित केदारनाथ धाम के कपाट को छह मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा, जबकि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खुलेंगे।

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