देहरादून : डॉ निधि उनियाल के मामले में अब नया मोड़ आ गया है जहां एक और स्वास्थ्य सचिव ने उनका ट्रांसफर अल्मोड़ा कर दिया था तो वहीं जो सोशल मीडिया पर यह मामला उछला तो स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका संज्ञान लिया और उनका ट्रांसफर रुकवा दिया साथ ही इस पूरे प्रकरण की जांच भी हो रही है।

लेकिन इस पूरे प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है और निधि उनियाल ने ज्वाइन करने से पहले सरकार के सामने यह शर्त रख ली है…वरिष्ठ महिला चिकित्सक निधि उनियाल ने सरकारी सिस्टम की बदहाली को देखते हुए अब सरकारी अस्पताल में काम करने का इरादा ही छोड़ दिया है।

राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सचिव पंकज कुमार पांडे की पत्नी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार मामले पर जांच बैठा दी है। साथ ही महिला चिकित्सक निधि उनियाल के तबादले को भी रोक दिया गया है, जो उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के फौरन बाद किया गया था। लेकिन इसके बावजूद निधि उनियाल सरकारी सिस्टम और वातावरण को लेकर इतनी मायूस हैं कि उन्होंने अब दून मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन करने का इरादा ही छोड़ दिया है।

निधि उनियाल ने कहा कि भले ही सरकार की तरफ से मामले का संज्ञान लिया गया हो, लेकिन वह अब इस सरकारी दबाव के सिस्टम में काम नहीं करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा दे चुकी हैं और वह अब भी अपने इस्तीफे पर कायम हैं। चिकित्सक निधि उनियाल ने कहा कि उनका तबादला रोकना कभी मकसद नहीं रहा, सरकारी सिस्टम में आने के बाद तबादला उनकी जॉब का पार्ट है, लेकिन वह इस बात से आहत हैं कि सरकारी सिस्टम में हर पल दबाव में काम करना होता है। उन्होंने कहा कि बहुत बुरा लगता है जब एक व्यक्ति पूरी मेहनत के साथ काम करता है और उसके बाद दबाव में काम करते हुए उसे आत्मसम्मान भी दांव पर लगाना पड़ता है।

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