देहरादून: राजनीति के बारे में यह कहा जाता है कि यहां कुछ भी संभव है कोई किसी का न तो परमानेंट दोस्त है और नाहीं दुश्मन ।
उत्तराखंड कांग्रेस के नेता चकराता से कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की सूत्रों वाली अपुष्ट खबरें बड़ी तेजी से सोशल मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया और प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक जोर शोर से चल रही है। बहुत कम लोग जानते हैं कि कांग्रेस से 6 बार विधायक बनने वाले प्रीतम सिंह ने न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी बल्कि उन्होंने भाजपा की सरकार लाने के लिए जोरदार अपील की पर्चे पोस्टर भी छपवाए ।

प्रीतम सिंह को भारतीय जनता पार्टी में क्यों शामिल होना पड़ा भारतीय जनता पार्टी में वे कितने समय तक रहे और उन्होंने फिर भारतीय जनता पार्टी क्यों छोड़ी ऐसे तमाम विषयों पर प्रीतम सिंह ने आज तक क्यों नहीं खोला है।

दैनिक उत्तराखंड को प्रीतम सिंह के उस कालखंड कुछ समाचार कटिंग व चुनाव प्रचार सामग्री प्रीतम सिंह के पुराने साथियों से उपलब्ध हुई है। जिससे साबित होता है प्रीतम सिंह भाजपा मे हुआ करते थे 1993 में पहली बार विधायक बनने वाले प्रीतम सिंह जब 1996 का चुनाव हार गए तो 1997 में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और उन्होंने आपकी बारी अटल बिहारी वाले चुनाव प्रचार में भी भाग लिया ।

प्रीतम सिंह भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर में भाजपा नेता बालेश्वर पाल स्वर्गीय हरबंस कपूर से लेकर ज्योति गैरोला नेताओं के साथ गुफ्तगू करते दिखाई पड़ रहे हैं सबकी निगाहें अब प्रीतम सिंह के स्टैंड पर टिकी हुई है कि प्रीतम सिंह क्या वास्तव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते हैं या अखबारों में चल रहे सभी कयासों को झूठा साबित करते हैं अभी तक इस बारे में प्रीतम सिंह का कोई आधिकारिक बयान भी सामने नहीं आया है उनका अधिकारिक बयान आने के बाद उसे भी प्रकाशित किया जाएगा ।

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