देहरादून: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष कल से उत्तराखंड में है बीएल संतोष भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय राजनीति के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार हैं इस बीच कल बीएल संतोष ने कुछ बैठक में ली जिनमें मंत्रिपरिषद की बैठक को लेकर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार मंत्रिपरिषद की बैठक लेने का अधिकार बीएल संतोष को कैसे हो सकता है इस पूरे घटनाक्रम पर केदारनाथ से कांग्रेस के निवर्तमान विधायक मनोज रावत ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं मनोज रावत ने उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की उस फेसबुक पोस्ट पर यह टिप्पणी की है जिसमें धन सिंह ने बीएल संतोष द्वारा मंत्री परिषद की बैठक लेने की बात कहीं है। मनोज रावत ने क्या कहा आप पढ़िए और तय कीजिए यह प्रदेश क्या वास्तव में संवैधानिक संकट में है।

“माननीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी स्वयं घोषणा कर रहे हैं कि , मा 0 श्री बी.एल.संतोष और कई महानुभावों जिन्होंने उत्तराखंड में मंत्री पद की शपथ नहीं ली है के साथ मुख्यमंत्री जी सहित उत्तराखंड के मंत्री परिषद की बैठक सम्पन्न हुई। माननीय मंत्री जी भारत के संविधान के आर्टिकल 163 और 164 को पढ़ लेते या फिर वर्तमान समय में , “जो भाजपा करे वही संबिधान है “। आप सभी ने भारत के संबिधान में वर्णित पद और गोपनीयता की सपथ ली है।

मुख्यमंत्री जी सहित आप सभी मंत्रीगण सामुदायिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत से बंधे हैं । आप सभी के लिए व्यक्तिगत रूप से कोई भी आदरणीय या पूज्यनीय हो सकता है परंतु आप खुले आम घोषणा के साथ आप लोग संबिधान की धज्जियां नही उड़ा सकते।
मान्यवर मंत्री परिषद के निर्णयों पर भी प्रेस कर देते।
इस मंत्री परिषद की बैठक में राज्य के कान-कौन अधिकारी सम्मलित थे ये भी नहीं बताया।”

मनोज रावत की स्थिति टिप्पणी के बाद सरकार क्या जवाब देती है इसकी सभी को प्रतीक्षा है बहर हाल बीएल संतोष की इस बैठक में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं

इस मसले पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने यह प्रतिक्रिया दी है

माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री , मा •श्री बी.एल.संतोष और अन्य पदाधिकारीगण जिनमें भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी , सह प्रभारी आदि महानुभावों हैं ,ने माननीय मुख्यमंत्री जी सहित उत्तराखंड के मंत्री परिषद के साथ भाजपा कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक में भाग लिया।
इन सभी महानुभावों ने उत्तराखंड राज्य में मंत्री के रूप में शपथ नही ली है, इसलिये मंत्रिपरिषद का हिस्सा नही हैं । फिर भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक कैसे हो सकती है।
माननीय मंत्री जी भारत के संविधान के आर्टिकल 163 और 164 में राज्य सरकारों के मंत्रिपरिषद के संबंध में स्पष्ठ रूप से लिखा है या आजकल “जो भाजपा करे वही संबिधान है ” वाला समय आ गया है। आप सभी ने भारत के संबिधान में वर्णित पद और गोपनीयता की सपथ ली है , उसका मान रख लीजिए।
मुख्यमंत्री जी सहित आप सभी मंत्रीगण सामुदायिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत से बंधे हैं । आप सभी के लिए व्यक्तिगत रूप से कोई भी आदरणीय या पूज्यनीय हो सकता है परंतु आप खुले आम घोषणा के साथ आप लोग संबिधान की धज्जियां नही उड़ा सकते।
मेरा मानना है कि , मंत्री जी के इस रहस्योद्घाटन से उत्तराखंड में
संबैधानिक संकट वाली स्थिति आ गयी है।
माननीय मुख्यमंत्री जी और मंत्रिपरिषद स्थिति को स्पष्ठ करे।

 

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