देहरादून :  मन, तन और जीवन समर्पण की शपथ के साथ देश के 288 जांबाज भारतीय सेना में शामिल हो गए। शुक्रवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में भव्‍य पासिंग आउट परेड आयोजित की गई। सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ ले. जनरल अमरदीप सिंह भिंडर बतौर रिव्यूइंग आफिसर परेड में पहुंंचे।

शनिवार सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ परेड शुरू हुई। कंपनी सार्जेंट मेजर विवेक कुमार, प्रणव, आर्यन सिंह, हिमांशु कुमार, जयेंद्र सिंह व अनिकेत ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। 6 बजकर 45 मिनट पर एडवांस काल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार कदम बढ़ाते हुए परेड के लिए पहुंचे। निरीक्षण अधिकारी दक्षिण पश्चिमी कमान के कमांडर (जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ) लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर परेड स्थल पर पहुंचे और परेड का निरीक्षण किया।

निरीक्षण अधिकारी ने कैडेट्स को ओवरआल बेस्ट परफॉर्मेंस और अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा गया। समस्तीपुर (बिहार) के मौसम वत्स को स्‍वार्ड आफ आनर से नवाजा गया, जबकि ऊधमसिंहनगर उत्तराखंड के नीरज सिंह पपोला को स्वर्ण, मौसम वत्स को रजत व मंडी हिमाचल प्रदेश के केतन पटियाल को कांस्य पदक मिला। दक्षिण दिल्ली के दिगांत गर्ग ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। भूटान के तेनजिन नामगे सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए।

देश-विदेश के गणमान्य लोग व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी अकादमी पहुंचे। पासिंग आउट परेड के बाद 377 जेंटलमैन कैडेट देश-विदेश की सेना की हिस्सा बन गए। इनमें 288 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले। जबकि 89 युवा सैन्य अधिकारी आठ मित्र देशों अफगानिस्तान, भूटान, किर्गिस्तान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, तजाकिस्तान व तंजानिया की सेना का हिस्सा बने।

इसके बाद सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 64 हजार 145 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया। इनमें मित्र देशों को मिले 2813 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। पासिंग आउट परेड के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। चप्पे-चप्पे पर सेना के सशस्त्र जवान तैनात हैं।

अकादमी परिसर के बाहरी क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास है। परेड के दौरान शनिवार सुबह पांच बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन है। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर व बल्लूपुर से डायवर्ट है।

इस बार अकादमी से आठ मित्र देशों के 89 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए हैं। इनमें सबसे अधिक अफगानिस्तान के 43 कैडेट शामिल हैं। पास आउट होने के बाद सात मित्र देशों के कैडेट भले ही अपने-अपने देश की सेना की मुख्यधारा में शामिल हो गए, पर अफगानिस्तान के कैडेटों के सामने असमंजस की स्थिति है।
तालिबान के पिछले साल अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद यह स्थिति बनी है। क्योंकि तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद अफगान राष्ट्रीय सेना का अस्तित्व समाप्त हो गया है।

 

अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के बाद कोई भी अफगान कैडेट सैन्य प्रशिक्षण के लिए आइएमए नहीं आया। इस लिहाज से मौजूदा परिपेक्ष्य में आइएमए से पास आउट होने वाला अफगान कैडेटों का यह अंतिम बैच है।

सैन्य अकादमी से पास आउट होने के बाद अफगानिस्तान के ये युवा कहां जाएंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं है। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय ही इस बावत निर्णय लेगा।

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